Thursday, May 2, 2024
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कारनामा: समाज कल्याण विभाग में एक और घोटाले से मचा हड़कंप, शासन तक पहुंचा मामला

मथुरा। समाज कल्याण विभाग के निलंबित बाबू का एक और कारनामा सामने आया है। इस बार निलंबित बाबू द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के लाभार्थियों के लिए शासन द्वारा मिलने वाली धनराशि के मामले में बड़ी हेराफेरी की गई है। इतना ही नहीं निलंबित होने के छह माह बाद भी इस मामलों की फाइलों को बाबू दबाकर बैठ गया है। इस मामले के शिकायत पूर्व विधायक की पत्नी ने शासन स्तर पर की है। जिससे समाज कल्याण विभाग में एक बार फिर हड़कंप मच गया है।


भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक अजय कुमार पोइया की पत्नी तथा पूर्व ब्लाक प्रमुख चंद्रवती पोइया ने प्रदेश के प्रमुख सचिव से समाज कल्याण विभाग के निलंबित बाबू नवीन मल्होत्रा की शिकायत की है। जिसमें उन्होंने शासन के धन का दुरुपयोग और एक और बड़े घोटले की बात कहीं है।

पूर्व ब्लाक प्रमुख चंद्रबति पोइया ने शिकायत प्रदेश के प्रमुख सचिव से शिकायत की है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा गत वर्ष करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला किया गया था। छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में निलंबित हुए बाबू नवीन महरोत्रा एक और कृत्य सामने आया है। जिसमें उसने अनुसूचित जाति हत्याचार निवारण के लिए जिन पात्रों का वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक द्वारा चयन किया जाता था। उसी सूची में कुछ फर्जी नाम जोड़कर और कुछ मामलों में बिना चार्जशीट दाखिल किए एवं धारा अलग होने पर भी धनराशि अनियमित रुप से स्वीकृत कराई गई। आरोपी नवीन महरोत्रा समाज कल्याण विभाग में कनिष्ठ सहायक पर तैनात है। जो कि करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्तता के मामले में निलंबित चल रहे हैं।

पूर्व विधायक की पत्नी ने शासन से ये मांगें रखी

भाजपा नेता की पत्नी ने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति हत्याचार उत्पीड़न योजना में करोडों के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। उसकी गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच की जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव से मांग की है कि इस घोटाले में शामिल सभी पदासीन अधिकारी एवं कर्मचारियों के अलावा अपदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों से भी वसूली की जाए और दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

निलंबन के 6 माह बाद भी बाबू ने दिया चार्ज, ना ही जांच में सहयोग


वहीं पूर्व विधायक की पत्नी की शिकायत पर विभागीय स्तर पर जांच शुरु हो गई है। जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर ने सरकारी योजना में हेराफेरी करने के आरोपी कनिष्ठ लिपिक नवीन महरोत्रा ने इस मामले की सभी पत्रावलियां अपने पास ही दबा रखी हैं ना ही इस मामले की जांच में सहयोग किया जा रहा है।
समाज कल्याण अधिकारी ने निलंबित बाबू को पत्र लिखकर इस मामले से जुड़े सभी अभिलेख के साथ प्रस्तुत होने को कहा है। अधिकारी रमांशकर ने बताया कि दिसंबर 2020 के अंतिम सप्ताह में बाबू नवीन महरोत्रा को निलंबित कियाा गयाा था। लेकिन अभी तक अुसूचित जाति हत्याचार उत्पीड़न योजना से सम्बधित चार्ज और अभिलेख नहीं दिए हैं।

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