Saturday, May 4, 2024
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संस्कृति स्कूल ऑफ नर्सिंग से डिग्री कोर्स कर पा सकते हैं तुरंत जॉब


राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नर्सिंग आफीसर और स्टाफ की बड़ी मांग


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में शुरू हुआ नर्सिंग स्कूल विद्यार्थियों विशेषकर महिलाओं की रुचि का केंद्र बन रहा है। इसकी वजह साफ है कि आसपास के क्षेत्र में चार साल का डिग्री कोर्स कराने वाला यही एक स्कूल है। बीएससी नर्सिंग डिग्री कोर्स करने के बाद विद्यार्थी को एक दिन भी नौकरी का इंतजार नहीं करना पड़ता। हालत यह है कि देशभर में नर्सिंग डिग्री कोर्स करने वाले लगभग 40 प्रतिशत विद्यार्थियों का चयन तो विदेशी अस्पतालों, संस्थानों में हो जाता है और शेष 40 प्रतिशत अपने देश में ही तुरंत नौकरी पा जाते हैं। इसका कारण है कि आज नर्सिंग आफीसर या स्टाफ की देश को बड़ी संख्या में जरूरत है।

डा. केके पाराशर, प्राचार्य संस्कृति स्कूल आफ नर्सिंग


संस्कृति नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य डा. केके पाराशर ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि संस्कृति विवि के स्थापनाकर्ताओं ने देश की जरूरत को देखते हुए एक बड़ी सोच के साथ विवि में नर्सिंग स्कूल शुरू किया है। अभी यहां चार साल का बीएससी डिग्री कोर्स शुरू किया गया है, जिसकी इस क्षेत्र में बड़ी जरूरत महसूस की जा रही थी। आगे आने वाले समय में यहां तीन वर्षीय जर्नल नर्सिंग मिडवाइफरी(जीएनएम) डिप्लोमा और दो वर्षीय आफिशियल नर्सिंग मिडवाइफरी (एएनएम) डिप्लोमा शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नर्सिंग की पढ़ाई करने के बाद विद्यार्थी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्थान में क्लीनिकल नर्सिगं आफीसर की नियुक्ति पा सकता है। इसके अलावा वह नर्सिंग स्कूल में फैकल्टी बन सकता है। सेना के तीनों विभाग जल, थल और नभ सभी में नर्सिंग आफीसर की हमेशा मांग बनी रहती है।

डा. पाराशर बताते हैं कि नर्सिंग को मेडिकल प्रोफेशन की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। इसके बिना किसी भी रोगी की तीमारदारी नहीं हो सकती। इस क्षेत्र में महिलाएं हमेशा से आगे रही हैं और उन्होंने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वो ख्याति पाई है जो अन्य किसी प्रोफेशन में पाना संभव नहीं है। डा. पाराशर का कहना है कि नर्सिंग ही एक ऐसा प्रोफेशन है जो आय का स्रोत होने के साथ-साथ सेवा का भी बड़ा माध्यम है। आज हमारे देश में नर्सिंग आफीसर और स्टाफ की बड़ी कमी महसूस की जा रही है। संस्कृति नर्सिंग स्कूल में विश्वस्तरीय नर्सिंग शिक्षा और प्रायोगिक ज्ञान देने के लिए विवि प्रशासन सतत प्रयासरत है।

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