कासगंज। जनपद में जानलेवा बुखार और डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को आशा कार्यकर्ता समेत 2 महिलाओं की डेंगू से मौत हो गई। इसके बाद परिवारों में कोहराम मच गया। जिले में बुखार और डेंगू से मौत का आंकड़ा 53 पर पहुंच गया है। लगातार हो रही मौतों से लोग दहशत में है।
आशा कार्यकर्ता की मौत
सिढ़पुरा के ग्राम ढूढरा निवासी नीता देवी पत्नी राजेश स्वास्थ्य विभाग में आशा के पद पर कार्यरत थीं। उनकी तैनाती रानामऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर थी। पांच दिन पहले बुखार आने पर उन्हें निजी चिकित्सक को दिखाया गया। जब स्वास्थ्य लाभ नहीं मिला तो परिजन आगरा ले गए। यहां डेंगू की पुष्टि हो गई। उपचार के दौरान आगरा में उनकी मौत हो गई।
डेंगू की पुष्टि के बाद दम तोड़ा
भरगैन के मोहल्ला बीच थोक नगदर निवासी फहीमा बेगम (44) पत्नी मकसूद आलम खान पिछले कई दिन से बुखार से पीड़ित थी। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। काफी इलाज के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं आया। उन्होंने सुबह उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। महिला की मौत होते ही परिवार में कोहराम मच गया।
कस्बा से लेकर देहात तक फैला डेंगू का असर
जनपद में बुखार एवं डेंगू का असर शहरी क्षेत्र से लेकर कस्बाई क्षेत्रों तक फैला हुआ है। जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, निजी चिकित्सकों के यहां प्रतिदिन ही काफी संख्या में मरीज पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। वहीं तमाम लोग दिल्ली, आगरा, अलीगढ़, बरेली, फर्रुखाबाद आदि क्षेत्रों में भी इलाज करा रहे हैं।