Saturday, April 20, 2024
Homeन्यूज़न्यूज़पुष्पाजंलि समारोह में महर्षि वाल्मीकि के जयकारों से गूंजा शहर

पुष्पाजंलि समारोह में महर्षि वाल्मीकि के जयकारों से गूंजा शहर


-भैंस बहोरा के समीप स्थित महर्षि वाल्मीकि वाटिका पर आयोजित हुआ समारोह
-वाल्मीकि ने दी बुराई छोड़कर अच्छाई की राह पर चलने की सीख : मुकेश आर्यबंधु

मथुरा। महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में भैंस बहोरा के समीप स्थित महर्षि वाल्मीकि वाटिका पर आयोजित भव्य पुष्पांजलि समारोह में अतिथियों ने महर्षि वाल्मीकि, माता सीता व लव-कुश की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए। आयोजन के लिए स्थल को रंग-बिरंगी व आकर्षक विद्युत झालरों से सजाया गया था। इस दौरान समूचा पांडाल महर्षि वाल्मीकि व भगवान राम के जयकारों से गूंज उठा।


शुभारंभ मुख्य अतिथि नगर निगम मथुरा-वृंदावन के महापौर डॉ. मुकेश आर्यबंधु, मेला कमेटी के अध्यक्ष सतीश वाल्मीकि पत्रकार, मेला व्यवस्थापक महेश काजू आदि ने महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर व पुष्प अर्पित कर किया। विचार गोष्ठी में महापौर मुकेश आर्यबंधु ने कहा कि वाल्मीकि समाज आज शिक्षा की ओर अग्रसर हो रहा है क्योंकि शिक्षा से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। वाल्मीकि ने समाज को बुराई छोड़कर अच्छाई की राह पर चलने की सीख दी।


शहर मेला कमेटी के अध्यक्ष सतीश वाल्मीकि पत्रकार ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि और आंबेडकर में समानता थी। वाल्मीकि ने ऐसे ग्रंथ की रचना की जिसे पढ़कर लोग उसे अपने जीवन में आत्मसात् कर रहे हैं। वहीं दूसरे महान व्यक्तित्व आबंडेकर ने भारत का संविधान लिख दिया। उन्होंने कुरीतियों को त्याग कर एक सभ्य व भव्य वाल्मीकि समाज की संरचना करने का आह्वान सभी से किया। संचालन कर रहे मुख्य मेला व्यवस्थापक महेश काजू ने कहा कि आंबेडकर ने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो, आज हमारा समाज अपने बच्चों को शिक्षित बनाकर बाबा साहब के विचारों का अनुसरण करके उसे क्रियान्वित कर रहा है। वाल्मीकि संकल्प वेलफेयर सोसाइटी भी समाज हित के लिए संकल्पित है अध्यक्षता कर रहे ओमप्रकाश सनवाल ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

सजाए गए छप्पन भोग, हुई भजन संध्या-


इस मौके पर भव्य छप्पन भोग के दर्शन कर भक्तों ने भजन संध्या का भी आंनद लिया। आयोजन के लिए वाल्मीकि वाटिका से लेकर भरतपुर गेट चौराहे तक व होली गेट चौराहे को विधुतीय प्रकाश से सजाया गया था। जगह-जगह नि:शुल्क खाने की स्टाल लगाई गई।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments