Thursday, May 2, 2024
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जी.एल. बजाज में हुई मानव तस्करी उन्मूलन पर कार्यशाला

जी.एल. बजाज में हुई मानव तस्करी उन्मूलन पर कार्यशाला
बेटियां हर पल सजग और निडर रहकर करें प्रतिकार
मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के महिला सेल और सोशल क्लब द्वारा मंगलवार को मानव तस्करी उन्मूलन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को बालीवुड में लेखक और निर्देशक निशांत झा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में यह एक अलग तरह का अपराध है। हमारे देश के लिए मानव तस्करी सबसे अधिक चिन्ता की बात है, इसे रोकने के लिए बेटियों को हर पल सजग और निडर रहकर प्रतिकार करना चाहिए। कार्यशाला का शुभारम्भ संस्थान की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) नीता अवस्थी ने किया।
माधवाज बैंड के प्रबंधक निशांत झा ने कार्यशाला में प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं को मानव तस्करी के कारण और निवारण पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा समूचे देश में क्षेत्रीय, राज्य और जिलास्तर पर पुलिस अधिकारियों तथा अभियोजकों के बीच मानव तस्करी का प्रतिकार करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यशालाओं का समय-समय पर आयोजन किया जाता है। श्री झा ने मानव तस्करी रोकने के उपाय भी बताए।
श्री झा ने कार्यशाला में छात्राओं को गम्भीर परिस्थितियों में भी हिम्मत न हारने की सलाह देते हुए कहा कि यदि हमें मानव तस्करी को पूरी तरह से समाप्त करना है तो हर पल सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से व्यक्तियों के अवैध व्यापार के विरुद्ध कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करने के वास्ते गृह मंत्रालय द्वारा देश के 270 जिलों में मानव तस्करी विरोधी यूनिटों की स्थापना करने के साथ ही उन्हें आर्थिक निधि भी प्रदान की गई है।
इतना ही नहीं इस नए अपराध पर अंकुश लगाने के लिए निचली अदालत के न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और उन्हें जागरूक करने के लिए उच्च न्यायालय स्तर पर मानव तस्करी पर न्यायिक संगोष्ठियों का भी समय समय पर आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य न्यायिक अधिकारियों को मानव तस्करी से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों के बारे में जागरूक करना और त्वरित अदालती प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। अब तक ऐसी न्यायिक संगोष्ठियां चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा आदि में आयोजित की जा चुकी हैं। कार्यशाला में डॉ. नक्षत्रेश कौशिक, मोहम्मद मोहसिन, डॉ. अमित पाराशर, प्रज्ञा द्विवेदी, डॉ. शिखा गोविल, डॉ. स्नेहलता कश्यप आदि के साथ ही बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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