भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए युवा स्वरोजगार की तरफ ध्यान दें
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में मंगलवार को लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापना पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं को बताया कि नए व्यापार या उद्यम को स्थापित करने के लिए आवश्यक दक्षता एवं गुणों का होना बहुत जरूरी है। वक्ताओं ने मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नया उद्योग स्थापित करने के तौर-तरीके भी बताए।
मुख्य वक्ता एम.के. शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि आज के समय में पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वरोजगार की दिशा में ध्यान देने की जरूरत है। भारतीय अर्थव्यवस्था को यदि सुदृढ़ करना है तो युवा पीढ़ी को लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने की दिशा में ध्यान देना चाहिए। श्री शर्मा ने छात्र-छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नया स्टार्टअप यानी उद्योग स्थापित करने के आवश्यक मानदण्ड बताए तथा कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए लघु और मध्यम उद्योगों की स्थापना मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
विशेषज्ञ नवरत्न कौर ने छात्र-छात्राओं से कहा कि लघु एवं कुटीर उद्योगों को स्थापित करने में सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्सिडी और स्कीम्स बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा उन्होंने नया उद्यम-व्यापार आरम्भ करने के लिए वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने सम्बन्धी महत्वपूर्ण तथ्यों पर भी विस्तार से जानकारी दी। इसी संदर्भ में उन्होंने नए व्यापार/उद्यम स्थापित करने की प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए एक विस्तृत प्रजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों को नए उद्यम स्थापित करने को प्रेरित किया।
वक्ता कौर ने छात्र-छात्राओं को न्यू स्टार्टअप के माध्यम से कार्य करते हुए लघु और मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए स्वयं रोजगार प्रदाता बनकर समाज से गरीबी दूर करने तथा देश की अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करने की अपील की। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने वक्ताओं से नया उद्यम स्थापित करने पर कुछ सवाल भी पूछे जिनका समाधान मिलने के बाद उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देने का संकल्प लिया। संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने अपना बेशकीमती समय देने के लिए वक्ताओं का आभार माना।