Tuesday, April 30, 2024
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संस्कृति विवि में ‘नर्सिंग डे’: नर्सिंग के पेशे में है सम्मान और सुकून


मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ नर्सिंग द्वारा परंपरागत रूप से नर्सिंग दिवस का भव्य आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को फ्लोरेंस नाइटेंगल के जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन को मरीजों की सेवा के लिए समर्पित करने का आह्वान किया गया। वक्ताओं ने कहा कि नर्सिंग एक ऐसा पेशा है जिससे वह सुकून प्राप्त किया जा सकता है जो अन्य पेशे से नहीं मिल सकता। यह एक ऐसा स्थाई धन है जिससे बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है।


कार्यक्रम का शुभारंभ फ्लोरेंस नाइटेंगेल के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। उल्लेखनीय है कि फ्लोरेंस नाइटेंगेल के जन्मदिवस को अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग डे के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी मथुरा डा. अजय कुमार वर्मा ने कोरोनाकाल में लोगों की आगे बढ़कर मदद करने वालों में नर्सेज के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जान पर खेलकर लोगों की तीमारदारी की और ऐसा कर उन्होंने इस पेशे की महानता को सिद्ध किया। इस अवसर पर विवि के कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने कहा कि हमारे विद्यार्थी जिस सेवाभाव के साथ इस पेशे से जुड़ रहे हैं, वह बहुत सराहनीय है। इस विद्या के अध्ययन का महत्व ही तब है जब आपके अंदर सेवा का भाव हो। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आज का दिन भी आप इसी भावना के तहत मनाएंगे।


संस्कृति स्कूल आफ नर्सिंग के डीन डा. केके पाराशर ने बताया कि फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल को आधुनिक नर्सिग आन्दोलन का जन्मदाता माना जाता है। दया व सेवा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल “द लेडी विद द लैंप” (दीपक वाली महिला) के नाम से प्रसिद्ध हैं। इनका जन्म एक समृद्ध और उच्चवर्गीय ब्रिटिश परिवार में हुआ था। लेकिन उच्च कुल में जन्मी फ्लोरेंस ने सेवा का मार्ग चुना। फ्लोरेंस का सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्रीमिया के युद्ध में रहा। अक्टूबर 1854 में उन्होंने ३८ स्त्रियों का एक दल घायलों की सेवा के लिए तुर्की भेजा। इस समय किए गए उनके सेवा कार्यो के लिए ही उन्होंने लेडी विद द लैंप की उपाधि से सम्मानित किया गया। जब चिकित्सक चले जाते तब वह रात के गहन अंधेरे में मोमबत्ती जलाकर घायलों की सेवा के लिए उपस्थित हो जाती।


कार्यक्रम के दौरान विवि के कुलपति डा. तन्मय गोस्वामी, प्रो वीसी डा. राकेश प्रेमी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान विवि की विशेष कार्याधिकारी मीनाक्षी शर्मा के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन सहायक केशचंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन सुश्री चंपकली ने किया।

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