Sunday, May 19, 2024
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भगवान राधाकृष्ण लीला व शिव तांडव में देवी देवताओं की झांकियों पर बैन

पटियाला। देश के 250 भजन गायक, 55 महंत, 93 बड़ी भजन मंडलियां और करीबन 450 जागरण मंडलियों ने पटियाला में श्री हिंदू तख्त के बैनर तले इक्ट्ठे होकर कई बड़े फैसला लिए हैं। 27 मई यानी सोमवार से देश में कहीं भी हो रहे जागरण में राधा कृष्ण लीला, शिव तांडव या माता की किसी भी तरह की झांकी पर बैन लगा दिया गया है। अगर माता या किसी दूसरे देवी देवता के जागरण में किसी ने झांकी निकालनी भी है तो उसमें सिर्फ 10 साल तक की बच्ची या बच्चे को ही भगवान का रूप दिया जाएगा। 10 साल से ऊपर का कोई भी बच्चा या व्यक्ति झांकी में किसी भी देवी देवता का रूप धारण नहीं करेगा।

श्री हिंदू तख्त के 13 अहम प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए हैं। श्री हिंदू तख्त के महामंडलेश्वर और मां श्री कामाख्या पीठाधीश्वर, पंच दशनाम जूना अखाड़ा, मां श्री ज्वाला पीठाधीश्वर पंचानंद गिरी जी महाराज ने साफ कर दिया है कि अगर देश में कहीं भी उन्हें आज पास हुए इन 13 प्रस्तावों की अवहेलना का पता चलता है तो ऐसा करने वाली जागरण मंडली के इंचार्ज और आयोजक को पहले श्री हिंदू तख्त पर बुलाकर वार्निंग दी जाएगी। दोबारा यही गलती होती है तो हिंदू तख्त उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने को लेकर धारा 295 ए के तहत पर्चा दर्ज कराएगा। सम्मेलन में भजन गायक नरेंद्र चंचल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बात रखी। अंबाला से शाम रंगीला, कैथल से नीटू चंचल भी पहुंचे। महामंडलेश्वर ने बताया कि बॉलीवुड भजन गायिका अनुराधा पौडवाल, सरदूल सिकंदर ने प्रस्तावों पर सहमति भेज दी है।

  • इस पर सभी संगठनों ने फैसला किया है कि अगर किसी भी फिल्म में अब माता के किसी अन्य देवी देवता के जागरण के नाम पर कोई भद्दा मजाक किया जाता है तो उसे सिनेमा घरों में रुकवाया जाएगा।
  • पंचानंद गिरी की दो टूक- पहले हिंदू तख्त पर बुलाकर वार्निंग, दूसरी बार में धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने का दर्ज कराएंगे केस
  • पटियाला में रविवार को मीटिंग में मौजूद जागरण मंडलियों, भजन गायक और श्रीहिंदू तख्त के कार्यकर्ता। इस दौरान अपनी बात रखते संगीत परिवार वेलफेयर एसोसिएशन के अशोक पटाखा।

मीटिंग में 13 प्रस्तावों पर बनी सहमति

  • जागरण मंडली किसी के घर में डल्ल (शगुन) लेने नहीं जाएगी। जागरण मंडली में जिसने गुरु धारण किया हुआ है और डल्ल स्वीकार करने की विधि जानता है वो ही डल्ल ले सकता है।
  • जागरण के लिए देवी देवताओं की मूर्ति गाड़ियों में ओपन (खुले में) नहीं लाई जाएंगी। इन्हें सही तरीके से कवर किया जाए। जिसके घर में जागरण है वो पहले स्टेज या ऊंचा स्थान बनाकर रखे। मूर्तियां नीचे नहीं रखी जाएंगी।
  • जागरण शुरू करने से पहले पंडित तो नवग्रह पूजा करने के लिए पूरा टाइम दिया जाए। पंडित मंत्रों उच्चारण में शार्ट कट नहीं अपनाएंगे।
  • जागरण में भजन मंडली का कोई भी सदस्य किसी भी तरह का कोई भी नशा नहीं करेगा।
  • जागरण के दौरान पूजा करवाते वक्त गंगाजल की गढ़वी से हाथ नहीं धुलवाए जाएंगे।
  • जागरण में गायक की स्टेज माता की अखंड जोत से ऊपर नहीं होगी।
  • जागरण में श्रद्धालु और भजन मंडलियां नंगे सिर नहीं बैठेंगे। उनका सिर ढकना अनिवार्य है।
  • जागरण में बॉलीवुड गीतों की धुन नहीं बजेगी। सिर्फ मूल भजन ही सुनाए जाएंगे।
  • जागरण और भजन मंडलियां ड्रेस पहन कर आएं, ताकि उनकी शमूलियत अलग नजर आए।
  • जागरण करने वाली भजन मंडलियां रात को 1 बजे चाय ब्रेक न लें। वो तारा रानी की कथा से पहले मां को लगने वाले दूध के प्रशाद को ही सेवन करके अखंड जागरण जारी रखें।
  • जागरण मंडली वाले जागरण करने वाले आयोजकों से खाने पीने की कोई डिमांड नहीं करेंगे। जागरण मंडलियां अपने खाने पीने का सामान अपने साथ लेकर चलें।
  • जागरण समाप्ति पर कथा पूरी होने से पहले ही साउंड, लाइटिंग वाले सामान समेटना शुरू कर देते हैं जो कथा का अपमान हैं। कथा पूरी होने के बाद ही सब अपना सामान समेटेंगे।

गायकों का दर्द- हम तैयार, लेकिन म्यूजिशियन नहीं मानते

श्री हिंदू तख्त के इन 13 प्रस्तावों पर बेशक सभी गायकों, भंजन मंडलियों ने एक स्वर में सहमति दे दी हैं, लेकिन कई गायकों का दर्द भी छलका। फेमस सिंगर नीटू चंचल ने कहा कि वो तो इन प्रस्तावों को मानने को तैयार हैं, लेकिन कई बार उनके म्यूजिशियन इंटरवल (ब्रेक)की बात कह कर चाय या अन्य खाने पीने की मांग करते हैं। बात न मानने पर वो कई बार बीच जागरण साज बजाने से भी इंकार कर देते हैं। इस पर लुधियाना के संगीत परिवार वेलफेयर एसोसिएशन के अशोक पटाखा ने जवाब दिया कि अगर गायक जागरण में जाने से पहले ही म्यूजिशियन सभी प्रस्तावों के बारे में समझा देंगे तो उन्हें नहीं लगता कि कोई बात मानने से इंकार करेगा।

श्री हिंदू तख्त के इन 13 प्रस्तावों पर बेशक सभी गायकों, भंजन मंडलियों ने एक स्वर में सहमति दे दी हैं, लेकिन कई गायकों का दर्द भी छलका। फेमस सिंगर नीटू चंचल ने कहा कि वो तो इन प्रस्तावों को मानने को तैयार हैं, लेकिन कई बार उनके म्यूजिशियन इंटरवल (ब्रेक)की बात कह कर चाय या अन्य खाने पीने की मांग करते हैं। बात न मानने पर वो कई बार बीच जागरण साज बजाने से भी इंकार कर देते हैं। इस पर लुधियाना के संगीत परिवार वेलफेयर एसोसिएशन के अशोक पटाखा ने जवाब दिया कि अगर गायक जागरण में जाने से पहले ही म्यूजिशियन सभी प्रस्तावों के बारे में समझा देंगे तो उन्हें नहीं लगता कि कोई बात मानने से इंकार करेगा।

श्री हिंदू तख्त के इन 13 प्रस्तावों पर बेशक सभी गायकों, भंजन मंडलियों ने एक स्वर में सहमति दे दी हैं, लेकिन कई गायकों का दर्द भी छलका। फेमस सिंगर नीटू चंचल ने कहा कि वो तो इन प्रस्तावों को मानने को तैयार हैं, लेकिन कई बार उनके म्यूजिशियन इंटरवल (ब्रेक)की बात कह कर चाय या अन्य खाने पीने की मांग करते हैं। बात न मानने पर वो कई बार बीच जागरण साज बजाने से भी इंकार कर देते हैं। इस पर लुधियाना के संगीत परिवार वेलफेयर एसोसिएशन के अशोक पटाखा ने जवाब दिया कि अगर गायक जागरण में जाने से पहले ही म्यूजिशियन सभी प्रस्तावों के बारे में समझा देंगे तो उन्हें नहीं लगता कि कोई बात मानने से इंकार करेगा।

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