Sunday, May 19, 2024
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विश्व ने संस्कृत भाषा को ज्ञान व विज्ञान की भाषा के रूप में स्वीकारा

  • देववाणी संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए शिविर चालक- शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग का किया गया शुभारंभ।

अरूण यादव
वृंदावन।
देववाणी संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाने के उद्देश्य को लेकर संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त व सोऽहम् आश्रम संस्कृत अध्ययन केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में वृन्दावन स्थित सोऽ हम् आश्रम में 12 जून से 03 जुलाई रविवार तक 20 दिवसीय शिविर चालक-शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ किया गया।


उदघाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए वर्गाधिकारी स्वामी गौरवानन्द जी महाराज ने संस्कृत भाषा को विश्व की सबसे प्राचीन भाषा बताते हुए कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व में संस्कृत भाषा के भारतीय धर्मग्रंथों पर शोधकार्य हो रहे हैं और अनेक देशों ने संस्कृत भाषा को ज्ञान व विज्ञान की भाषा के रूप में स्वीकार किया है।

ब्रज प्रान्त संगठन मंत्री आचार्य श्रवण कुमार ने संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण वर्ग, अभ्यास वर्ग,नैपुण्य वर्ग व बालकेन्द्रों के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आज युवाओं में पुनः संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण दिखाई दे रहा है और बड़ी संख्या में यवक व युवतियां प्रशिक्षण वर्गों में भाग ले रहे हैं।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त न्यास अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश बंसल ने कहा कि संस्कृत भाषा को घर घर तक पहुंचाने का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संकल्प को संस्कृत भारती के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। संस्कृत भाषा के प्रति जनमानस में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है जिससे अधिक से अधिक लोगों को अपने धर्मग्रंथों को पढ़ने का अभ्यास हो सके और भारतीय संस्कृति सभ्यता और संस्कार को जन जन तक पहुंचाकर भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के संकल्प को पूरा कर सकेंगे।

इस अवसर पर उदघाटन सत्र में उपस्थित विशिष्ट अतिथि श्री सुभाष गुप्ता, श्री अतर सिंह, मथुरा महानगर अध्यक्ष/मथुरा अलीगढ़ विभाग संयोजक आचार्य ब्रजेन्द्र नागर, ने भी संस्कृत भाषा को सृष्टि की सबसे प्राचीन भाषा बताते हुए कहा कि आज युवाओं में संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण पैदा करने की आवश्यकता है जिससे देश विदेश में संस्कृत भाषा को जनसाधारण तक पहुंचाकर हम ज्ञान व विज्ञान की भाषा के रूप में संस्कृत भाषा को प्रचारित करें। इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर, महानगर मंत्री आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी, पत्राचार प्रमुख अरुण आचार्य, मीडिया प्रभारी रामदास चतुर्वेदी पार्षद द्वारा सभी अतिथियों का चंदन पुष्प माला अंगवस्त्र भेट कर सम्मान किया गया।

इससे पूर्व उदघाटन सत्र का शुभारंभ मां सरस्वती के सम्मुख वैदिक विधि विधान से अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।शिक्षण प्रमुख हरिश्चंद्र जी द्वारा ध्येय मंत्र का पाठ किया गया। कीर्ति निर्भया द्वारा संस्कृत गीत प्रस्तुत किया गया कार्यक्रम का संचालन ब्रज प्रान्त सहमंत्री गौरव गौतम ने किया और धन्यवाद ज्ञापन टीकाराम जी पांडेय द्वारा किया गया।सत्र का समापन कल्याण मंत्र से किया गया।

वर्ग व्यवस्थाओं में प्रमुख रूप से संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त न्यास सचिव गंगाधर अरोड़ा, कार्यालय प्रमुख हरस्वरुप यादव, आरती राजपूत, कोमल वर्मा, आदि का विशेष सहयोग रहा और सतीश शर्मा, राम शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, सुधाकर मिश्रा,माधव शरण श्रीमती वर्षा अरोड़ा आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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