Saturday, May 18, 2024
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स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्य की हकीकत देख हैरान रह गए केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल

बब्ले भारद्वाज
आगरा।
आगरा में चौराहों पर लगे कैमरे बंद हैं। सड़कें दो साल से खुदी पड़ी हैं और जो नालियां बनाई, उसमें पुरानी नालियों पर ही प्लास्टर करके नई दिखा दीं। बेहद घटिया निर्माण कार्य कराए गए हैं। छावनी क्षेत्र के विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी एडवाइजरी कमेटी की सोमवार को हुई बैठक में ये आरोप लगाए। बैठक के बाद निरीक्षण के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल के साथ कमेटी स्मार्ट सिटी एरिया में पहुंची, जहां सड़कें उखड़ी मिलीं तो नालियों में बेहद खराब निर्माण कार्य नजर आया। कमेटी ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने, भुगतान रोकने और कंपनी को काली सूची में डालने के निर्देश दिए।

सोमवार को स्मार्ट सिटी एडवाइजरी कमेटी की बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने स्मार्ट सिटी के कार्यों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कैमरे खराब होने, ताजमहल के पास सड़कों की खोदाई, योजनाओं के लेट होने और गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए। छावनी के विधायक डा. जीएस धर्मेश समेत कमेटी के सदस्यों ने कार्यों के जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि तोरा, कुंआखेड़ा, मायापुर, बुढैरा गांव तक स्मार्ट सिटी है, पर गोबर चौकी को छोड़ दिया गया। उन्होंने बैठक में खराब नालियों, सड़कों के फोटो रखे। इसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री ने सीईओ, नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे के साथ निरीक्षण किया। विधायक ने स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी आरके सिंह को हटाने की मांग की और गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने, भुगतान रोकने, कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए कहा। एडवाइजरी कमेटी के 10 में से केवल 3 सदस्यों ने ही मौके का निरीक्षण किया।

बीच का हिस्सा छोड़ दिया
विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने कहा कि 9 वार्ड में स्मार्ट सिटी के काम कराए, पर मुगल पुलिया के सामने गोबर चौकी को छोड़ दिया गया। बीच का हिस्सा क्यों छोड़ा गया, जबकि इसके आगे और पीछे के क्षेत्र शामिल हैं। अधिकारी और ठेकेदार घटिया काम करके लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। कंपनी को काली सूची में डाला जाए।

काम संतोषजनक नहीं
कमेटी के सदस्य दिगंबर सिंह धाकरे ने कहा कि स्मार्ट सिटी का एक भी काम संतोषजनक नहीं है। स्मार्ट सिटी में बेहद खराब गुणवत्ता के काम कराए गए हैं, जिनका लोगों को कोई फायदा नहीं पहुंच रहा। अधिकारी केवल लीपापोती में लगे हैं। जांच हो जाए तो सच सामने आ जाएगा।

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