Tuesday, May 21, 2024
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‘अग्निपथ’ पर विरोध के बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस भी सक्रिय, गतिविधियों पर रखी जा रही नजर


नई दिल्ली। सेना भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे हंगामे के बीच मिलिट्री इंटेलिजेंस भी सक्रिय हो गई है। बृहस्पतिवार को हुए प्रदर्शनों की रिपोर्ट सेना के उच्च अधिकारियों को भेजी गई है। संदिग्ध गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। मंडल आगरा सेना भर्ती का बड़ा केंद्र रहा है।


रक्षा मंत्रालय ने सेना में भर्ती के लिए नई योजना अग्निपथ की घोषणा की है। इसके विरोध में युवा सड़क पर उतर आए हैं। बृहस्पतिवार को आगरा में कई जगह प्रदर्शन हुए। नौजवान नई योजना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इधर, विरोध के बाद सेना की खुफिया यूनिट भी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रही है। कलेक्ट्रेट सहित कई जगह इंटेलिजेंस टीम ने ब्योरा जुटाया। उच्च अधिकारियों को भी रिपोर्ट भेजी गई।


आठ साल में परिपक्व हो पाता है एक जवान
सेना के सेवानिवृत्त बिग्रेडियर विनोद दत्ता का कहना है कि योजना अच्छी है, लेकिन नियम संगत नहीं हैं। सरकार चार साल की सेवा दे रही है, जबकि सेना के एक जवान को परिपक्व होने में आठ साल लग जाते हैं। अगर चार साल की सेवा पर कोई भर्ती होगा तो उसे छह महीने ट्रेनिंग में निकल जाएंगे। 90 दिन की छुट्टी मिलती है। इस तरह वह डेढ़ साल ही काम कर सकेगा। जिस अनुपात में देश की आबादी बढ़ रही है, उसी अनुपात में सेना भी बढ़ानी चाहिए। वन रैंक, वन पेंशन का मुद्दा लटका है। अब नो रैंक, नो पेंशन की बात हो रही है। जिस तरह सेना भर्ती में नियम लागू किए जा रहे हैं उसी तरह आईएएस, आईपीएस व सांसद, विधायकों पर भी नियम लागू किए जाएं।

बता दें अग्निपथ योजना के विरोध में आगरा के सैकड़ों युवाओं ने बृहस्पतिवार की सुबह करीब 11 बजे दिल्ली हाईवे पर जाम लगा दिया। जाम के कारण हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। प्रदर्शनकारी युवाओं की मांग थी कि सेना में भर्ती पुरानी प्रक्रिया के तहत कराई जाए। आगरा में बीते साल हुई सेना भर्ती की लिखित परीक्षा कराई जाए। जाम की सूचना पर पुलिस फोर्स पहुंच गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी युवाओं को समझाया। इसके बाद युवा हाईवे से हटे।

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