Friday, May 17, 2024
Homeन्यूज़न्यूज़खजानी इंस्टीट्यूट ने एक और आकाश को छुआ

खजानी इंस्टीट्यूट ने एक और आकाश को छुआ

मथुरा। जिंदगी चलने का नाम है और चलते हुए एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव पर जाना परंपरा भी है और जरूरत भी इसी प्रकार समय की मांग को देखते हुए खजानी इंस्टिट्यूट में भी एक नए मुकाम को हासिल करने के लिए एक नई शुरुआत की। आज सीता देवी तापड़िया चौरिटेबल ट्रस्ट के साथ हाथ मिलाते हुए एसडीटीटी खजानी इंस्टिट्यूट का नया आगाज हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदीप माथुर, रामेंद्र कुमार आयुक्त जिला उद्योग केंद्र, अनिल भार्गव , सुमित सिंघल,अभिनव जैन, आभा माहेश्वरी, राधिका खेतान के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलित करके किया गया। तत्पश्चात सर्वप्रथम खजानी इंस्टीट्यूट के सफर पर प्रकाश डालते हुए शिप्रा राठी डायरेक्टर जान इंस्टिट्यूट में खजाने की कहानी उन्हीं की जुबानी से सुनाया साथ ही इस में आने वाले आगामी बदलाव के बारे में भी बताएं सीता देवी तापड़िया ट्रस्ट की ट्रस्टी ट्रस्ट रचना राठी ने बताया कि किस प्रकार उनका जुड़ाव मथुरा से था और वह लोग ब्रज में उनकी ट्रस्ट उनकी दादीजी मथुरा के लिए मथुरा वासियों के लिए उनकी दादीजी ब्रज और ब्रज वासियों के लिए विशेष रूप से महिलाओं के लिए आपने भरता के साधन पैदा करना चाहती थी आपने बता के साधन पैदा करना चाहते थे जिसके जो प्रमुख विजय वजह बनी खजानी इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर अधिक से अधिक महिलाओं के सपनों को साकार करने की तत्पश्चात पार्षद रश्मि शर्मा शिवानी लेखपाल शिवानी चौधरी प्रथम महिला लेखपाल शिवानी चौधरी डॉ मधुबाला दर्जी और अलीशा अलीशा कुरैशी ने अपने अनुभव को साझा किया जो उन्होंने खजानी की छात्रा के रूप में प्राप्त किए थे उसके बाद तब वह क्षण जो एक नए सूरज की ओर प्रकाश डाला था अर्थात बिजनेस इनक्यूबेशन सेल का आकाश इंस्टीट्यूट खजानी इंस्टिट्यूट कंप्यूटर, ब्यूटी पार्लर, सिलाई, आर्ट एंड क्राफ्ट और टेक्सटाइल के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अलावा एक ऐसा कार्यक्रम भी चलाएगा जो महिलाओं को व्यवसाय जानकारियां प्रदान करेगा।

व्यवसायिक जानकारियां प्रदान करें 3 महीने का होगा जिसे कोई भी 18 वर्ष से अधिक की महिला कर पाएगी है एक ऐसा कार्यक्रम होगा यह एक ऐसा 3 महीने का कार्यक्रम होगा जो महिलाओं के हुनर को पहचान देगा उनको व्यवहारिक ज्ञान को लाभदायक व्यवसाय में बदलकर विश्व अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाएगा और बदलती परिस्थितियों के साथ तालमेल बैठाना भी सिखाएगा यह कार्यक्रम उनको उनका उत्पाद को बाजार में ले जाने को मदद करेगा और उनके व्यवसाय को एक लाभ अर्जित करने वाला व्यवसाय बनाने के लिए आर्थिक ढांचा तैयार करने में भी मदद करेगा ।

इस कार्यक्रम को आत्मनिर्भर वूमेंस एसोसिएशन के तकनीकी सहयोग के साथ चलाया जाएगा और उनके अनुभवों से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इसका लाभ भी मिलेगा। कार्यक्रम के विषय में अनवा की फाउंडर पावनी खंडेलवाल, तान्या अग्रवाल, प्रियम चतुर्वेदी, गार्गी गॉड और रचना बैजल ने विस्तार से बताएं पहला समूह 20 महिलाओं का होगा जिन्हें व्यापार के सभी नियम जैसे मांग को समझना, उसके अनुरूप उत्पाद का चयन करना, आर्थिक स्तर पर प्रोजेक्ट बनाना और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को समझना और व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए छोटी-छोटी भाई को को समझाया जाएगा, इसके लिए आवेदन आमंत्रित हैं और कोई भी महिला खजानी इंस्टिट्यूट में आकर इस कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकती है। तत्पश्चात कार्यक्रम के अंतिम चरण में खजानी इंस्टीट्यूट को डिजिटल दुनिया से जोड़ते हुए इस डी टी टी खजानी इंस्टीट्यूट को डिजिटल दुनिया से जोड़ते हुए वेबसाइट का भी लांच किया गया ।जिसके लिए सशक्त महिलाओं डॉ प्रीति जोहरी, निधि शर्मा , ममता भारद्वाज, सुषमा अग्रवाल, अनीता चावला, रश्मि शर्मा, रश्मि खंडेलवाल , डॉ नीता सिंह अंजू सूद , आस्था भारद्वाज आदि के द्वारा किया गया। श्रीमती शिप्रा राठी ने बताया कि यह कार्यक्रम समस्त देश में अपने आप में एक अनूठा कार्यक्रम है जहां से खजानी इंस्टिट्यूट समस्त देश में अपने-अपने अनूठा संस्थान बन गया है।


जो महिलाओं को ना केवल वियक्सायिक शिक्षा देता है बल्कि उन्हें व्यापार स्थापित करने के लिए भी पूरा ज्ञान और समर्पण देता है यहां से हम छात्राओं को लोन और सीड फंडिंग की भी व्यवस्था कर आएंगे तो मुझे लगता है कि आगामी सालों में हर वर्ष का 1500 से ज्यादा महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होंगी और हर महिला कम से कम 5 महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी।


सफल संचालन कोऑर्डिनेटर छवी बंसल के द्वारा किया गया और अंत में सभी का धन्यवाद सेंटा कोऑर्डिनेटर रूपा शर्मा के द्वारा दिया गया। सफल कार्यक्रम के आयोजन में शोभित माहेश्वरी, हर्षिता, सुजाता मोहोर, अंजू सिंह, अनीता सिंह स्वाति ,छवि ,शिवानी, रिंकी बघेल शिवानी बघेल, मनोज बघेल, वष्णवी, सुरभि, स्वेच्छा, मोनिका, हिना, भावना, रेनु डे दीपक शर्मा आदि का योगदान रहा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments