Thursday, May 2, 2024
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शोध को बढ़ावा देने राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी का अमेरिकी विश्वविद्यालय से अनुबंध


राष्ट्र की जरूरत के मुताबिक युवा करें अनुसंधानः डॉ. देवेन्द्र पाठक

मथुरा। फार्मेसी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले आर.के. ग्रुप के शैक्षिक संस्थान राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के लिए सोमवार का दिन विशेष रहा। फार्मेसी शिक्षा के क्षेत्र में युवा पीढ़ी को अनुसंधान की तरफ प्रेरित करने के लिए राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी तथा मार्शल बी. केचम विश्वविद्यालय अमेरिका के बीच एक अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुए।


अनुबंध पत्र पर राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के डीन एवं निदेशक डॉ. देवेन्द्र पाठक तथा मार्शल बी. केचम विश्वविद्यालय अमेरिका के डिपार्टमेंट आफ फार्मास्युटिकल साइंसेज के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियंक कुमार ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर डॉ. प्रियंक कुमार ने कहा कि आज के समय में किताबी ज्ञान से कहीं अधिक जरूरी है कि दुनिया की युवा पीढ़ी शोध पर अधिक ध्यान दे क्योंकि किसी विषय पर अनुसंधान से ही उसकी उपयोगिता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि शोध तभी आसान लगता है जब शोधार्थी में सीखने की जिज्ञासा हो। यही जिज्ञासा कुछ नया करने के लिए प्रेरित करती है। डॉ. कुमार ने कहा कि मार्शल बी. केचम विश्वविद्यालय राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के प्रत्येक विद्यार्थी को अनुसंधान के क्षेत्र में हर तरह की मदद को तैयार है।


निदेशक डॉ. देवेन्द्र पाठक ने कहा कि प्रत्येक इंसान में जीवन भर सीखने की ललक होनी चाहिए। आज अध्यापन का कार्य एक रटे-रटाए पैटर्न पर हो रहा है, जोकि गलत है। डॉ. पाठक ने कहा कि लोग गूगल को ही अपना गुरु मान बैठे हैं, जबकि खुद के द्वारा ग्रहण किया गया ज्ञान और उस पर किए गए रिसर्च से ही असल शोध निकल कर आता है। शोध कार्य किसी न किसी उद्देश्य से जुड़ा हो, तभी सार्थक होता है। डॉ. पाठक ने राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल्स शिक्षा एवं अनुसंधान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज देश में फार्मा एक विकसित क्षेत्र बन गया है। इस समय देश में 10 हजार से अधिक फार्मा कम्पनियां हैं और कई भारतीय कम्पनियां विश्व में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की तरह काम कर रही हैं लिहाजा आज राष्ट्र की जरूरत के अनुसार फार्मा क्षेत्र में विकास और अनुसंधान कार्य किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फार्मा क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के मकसद से ही देश में राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल्स शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित किए गए हैं।


आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी तथा मार्शल बी. केचम विश्वविद्यालय अमेरिका के बीच हुए अनुबंध को फार्मेसी शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर निरूपित करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों की युवा पीढ़ी को अपने विचार साझा करने का सुअवसर मिलेगा। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि आज भारत सस्ती जेनरिक दवाओं का उत्पादन कर विश्व की जरूरतों को पूरा कर रहा है लिहाजा राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में अध्ययन करने वाले युवा छात्र-छात्राएं शोध के क्षेत्र में अधिक से अधिक ध्यान दें ताकि राष्ट्र चिकित्सा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके।


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