Friday, May 17, 2024
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जीएलए और आईपीबी इंडोनेशिया के मध्य एमओयू साइन


-कृषि क्षेत्र में बेहतर रिसर्च की जगह जीएलए का बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स


मथुरा। अपने प्रत्येक विद्यार्थियों को रोजगारपरक और अच्छा रिसर्चर बनाने के उद्देश्य से जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा एक के बाद एक अन्तर्राष्ट्रंीय और राष्ट्रंीय संस्थानों के साथ एमओयू साइन कर रहा है। हाल ही में जीएलए यूनिवर्सिटी और आईपीबी यूनिवर्सिटी इंडोनेशिया के मध्य करार हुआ है। इस करार से विद्यार्थियों को अन्तर्राष्ट्रंीय स्तर पर रिसर्च करने के अवसर मिलेंगे, बल्कि रोजगारपरक शिक्षा भी प्राप्त होगी।

इस अन्तर्राष्ट्रंीय एमओयू के माध्यम से बीएससी एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों के तकनीकी कौषल को बढ़ाने में तो सहायता मिलेगी ही, अनुसंधान के लिए भी अन्तर्राष्टंªीय सहयोग प्राप्त होगा। अच्छे रिसर्चरों के माध्यम से विद्यार्थी और शिक्षक अनुसंधान को बढ़ावा देने में सफल होंगे। इसके अलावा नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शोध प्रकाशन और अन्य अकादमिक अनुभव आदान-प्रदान होंगे। कृषि, फार्मेसी, विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिाक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


संयुक्त रूप से अभ्यास करने वाले पेषेवरों, संकाय सदस्यों, अनुसंधान विद्धानों और कृशि विज्ञान के छात्रों हेतु कार्यशालाएं, सेमिनार सहित विभिन्न षिक्षण-प्रषिक्षण के माध्यम ज्ञान साझा किया जाएगा। डीन इंटरनेशनल रिलेशन एंड एकेडमिक कोलॉबोरेशन प्रो. दिलीप कुमार षर्मा ने कहा कि अब विद्यार्थी को रोजगारपरक षिक्षा की जरूरत है। आज के समय में इंटर पास करते हुए विद्यार्थी अपने लक्ष्य को साधने की राह पकड़ना चाहता है। जिससे कि गु्रेजुएषन के बाद वह एक अच्छी षिक्षा हासिल कर बेहतर रोजगार पा सके। इसी को मद्देनजर रखते हुए जीएलए विष्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रंीय स्तर पर विद्यार्थियों को प्रदान की जाने वाली षिक्षा भी अपने विद्यार्थियों को प्रदान कर रहा है। प्रवेष लेते ही प्रोफेसर्स तकनीकी षिक्षा के साथ-साथ एक्स्टंा क्यूरिकुलम भी विद्यार्थियों को अलग से दिया जाता है। प्रो. शर्मा ने बताया कि यह एमओयू जीएलए के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह और आईपीबी यूनिवर्सिटी इंडोनेशिया के रेक्टर प्रो. आरिफ सतरिया के हस्ताक्षर के बाद प्रभावी हुआ है।

बीएससी एग्रीकल्चर के डीन प्रो. सुरेन्द्र सिंह सिवाच ने बताया कि आज के समय कृषि क्षेत्र में नई खोज की अतिआवष्यकता है। बगैर बेहतर कृषि के खान-पान अच्छा रखना असंभव है। इसे संभवत बनाये रखने के लिए विद्यार्थियों को अच्छे से इसमें भागीदारी देनी होगी। इसी भागीदारी में सहयोग और उनकी उपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए विष्वविद्यालय ने आईपीबी इंडोनेषिया के साथ एमओयू साइन किया है। उन्होंने बताया कि कई एकड़ भूमि विष्वविद्यालय में विद्यार्थियों के प्रयोग हेतु उपजाऊ है। इस जमीन पर विभिन्न तरीके की फसल उगाकर रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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