Monday, April 29, 2024
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राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका: नीरज

  • जीएलए एकेडमिक सक्सेस सेन्टर के कार्यक्रम में सीईओ ने षिक्षकों को बतायी पठन-पाठन की प्रक्रिया।

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के एकेडमिक सक्सेस सेन्टर के माध्यम से ‘परिचय‘ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। 25 दिवसीय इस कार्यक्रम में मंगलवार को सीईओ एवं एनएचआरडीएन मथुरा चैप्टर के प्रेसीडेंट नीरज अग्रवाल ने सभी नवागंतुक शिक्षकों से रूबरू होते हुए विद्यार्थियों के लिए बेहतर पठन-पाठन और विश्वविद्यालय में
हरित वातावरण के बारे में चर्चा की।


सीईओ नीरज अग्रवाल ने परिचय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में कार्यक्रम कोई भी हो उससे सभी को बहुत कुछ सीखने और जानने को मिलता है। जीएलए में 500 से अधिक शिक्षकगण विद्यार्थियों को उनके पथ पर अग्रसर करने के लिए जुडे़ हुए हैं, जो कि विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य हैं। परिवार में शामिल होते ही कोई नया और कोई पुराना नहीं हो जाता है। हम सभी को हर दिन नया सोचकर आगे बढ़ना है। क्योंकि जब हम नया सोचेंगे तो विद्यार्थियों को भी हर दिन कुछ नया लर्निंग को मिलेगा।


षिक्षक को अपने चिर-परिचित अंदाज में एक दूसरे को समझने की जरूरत है। क्योंकि जब षिक्षक क्लास रूम में होता है तो वही क्लास का सर्वोपरि होता है और अगर वह सर्वोपरि है तो निर्णायक भी वही है कि किस प्रकार कैसे परिवेष में विद्यार्थी को आगे बढ़ाकर और साथ लेकर चलना है। शिक्षक के द्वारा दिए हुए ज्ञान के माध्यम से ही विद्यार्थी ही राष्ट्र का निर्माता बनता है। सीईओ ने कई शेर-शायरी के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि एक पायलट और एक टेंन या बस डंाइवर से गलती हो जाने पर कुछ लोगों को नुकसान पहुंचता है, लेकिन एक शिक्षक से गलती हो जाने पर एक
राष्ट्र के नुकसान की संभावना है। इसलिए शिक्षक को विद्यार्थी के भविश्य को लेकर सजग और जागरूक रहने की जरूरत है। यानि शिक्षक को भी विद्यार्थी के भविश्य को संजोते हुए कठिन से कठिन रास्ते पर सरलतम बनाने की कोशिश में जुटना होगा। विद्यार्थी की दुनियां सिर्फ शिक्षक है। क्योंकि एक से लेकर तब तक विद्यार्थी पढ़ाई करता है तो उसे सिर्फ शिक्षक सदमार्ग दिखाता है। उसी सदमार्ग पर विद्यार्थी आगे बढ़ता है।

उन्होंने अपने संबोधन के अंत में कहा कि हर एक माता-पिता अपने बच्चे के भविश्य के लिए हर वो संभव प्रयास करता है। जिससे उनके बच्चे भविश्य उज्जवल बन सके। ऐसे सुनहरे भविश्य के सपने देखते हुए माता-पिता ने अपने बच्चे का प्रवेष जीएलए विष्वविद्यालय में कराया है। अब उनके और बच्चे के सपनों का निर्माण करना जीएलए के षिक्षक का
दायित्व है। जीएलए एकेडमिक सक्सेस सेन्टर की निदेषक प्रो. कविता वर्मा ने कहा कि नवागंतुक षिक्षकों को यूजीसी की गाइडलाइन एवं एनईपी 2020 तथा जीएलए के हरित वातावरण से अवगत कराने के लिए 25 दिवसीय परिचय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। सह निदेषक डॉ. हिमानी ऑबराय ने बताया कि एचआर पॉलिसी, आउटकम बेस्ड एजुकेशन एंड प्रोफेशनलिज्म, स्कोप एंड अपॉरचुनिटीज इन इंटरनेषनल एंड नेशनल एकेडमिक कोलॉबोरेशन, रोल ऑफ आईसीसी इन यूनिवर्सिटी, इफेक्टिव कम्युनिकेशन इन क्लास रूम, यूज ऑफ जीएलए लाइब्रेरी, ब्लमस टेक्सोनॉमी, असिस्मेंट इवाल्यूएशन पेटर्न एंड एक्सपेरीमेंटल लर्निंग, मिशन कनेक्शन आदि विशयों पर परिचर्चा षिक्षकों के साथ की जा रही है।


इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो. आषीश षर्मा, डीन रिसर्च प्रो. कमल षर्मा, डीन कंसल्टेंसी प्रो. सोमेश धमीजा, एसोसिएट डीन एकेडमिक डॉ. आशीष शुक्ला, डीन जनरेशन एंड प्लानिंग डॉ. दिवाकर भारद्वाज, डॉ. अमित अग्रवाल, हिमांशु षर्मा, अंजनी राय आदि उपस्थित रहे।

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