मथुरा। सुप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात को हुए हादसे की जांच के लिए शासन द्वारा गठित जांच समिति इस तरह की घटना की फिर ऐसी घटना न हो, इसके लिए दो दिन पर्यटन सुविधा केन्द्र में लोगों से सुझाव ले रही है। सुझाव न सिर्फ वृन्दावन के लोग दे रहे हैं। बल्कि मथुरा और आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में सुझाव देने के लिए टीएफसी पहुच रहे हैं। इस बीच मथुरा के आशीष चतुर्वेदी ने भी जांच समिति के समक्ष अपने सुझाव रखे हैं।
प्रस्तुत किए गए सुझाव –
- बिहारी जी मंदिर, 150 वर्षों से भी अधिक पुराना है। मंदिर की चहुँमुखी मरम्मत एवं आँगन के विस्तार की आवश्यकता है, जिससे अधिक से अधिक से लोग मंदिर में दर्शन कर सकें।
- भीड़ को देखते हुए मंदिर में दर्शन का समय बढ़ाया जाना चाहिए।
- भीड़ को देखते हुए वर्तमान समय में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तथा दर्शन की सुविधा सुलभ करायी जानी चाहिए।
- भीड़ नियंत्रण के लिये मंदिर के भीतर कैमरे एवं प्रांगण से बाहर सीसीटीवी कैमरे ,स्क्रीन लगा कर दर्शन की सुविधा होनी चाहिए।
- दर्शन के लिए विग्रह हर समय जगमोहन में उपलप्ध होना चाहिए।
- विश्वनाथ कारीडोर वाराणसी की तरह यहाँ भी मंदिर के आसपास की भूमि एवं भवनों को अधिग्रहीत करके विशाल बिहारी जी प्रांगण बनाना चाहिए।
- मंदिर के प्रशासनिक संचालन के लिए के लिए वर्तमान समय में कोई भी ट्रस्ट अथवा सोसाइटी पंजीकृत एवं कार्यरत नही है। इसके लिए राष्ट्र स्तरीय संभ्रांत लोगों का एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए, जिसमें स्थानीय गोस्वामियो का भी प्रतिनिधित्व हो।