Thursday, May 9, 2024
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विद्यार्थियों संग मित्रवत किरदार अदा करें शिक्षकः सी.आर. शेषाद्रि


जी.एल. बजाज में हुई शिक्षक-छात्र सम्बन्धों पर चर्चा


मथुरा। आज शिक्षा में अच्छेे, प्रतिबद्ध और गुणी शिक्षकों की जरूरत है। शिक्षा का पेशा ही ऐसा है जिस पर अन्य सभी पेशे निर्भर हैं। एक शिक्षक को हमेशा छात्र-छात्राओं के साथ मित्रवत किरदार अदा करना चाहिए ताकि वे अपनी हर परेशानी साझा करने में अपने आपको असहज महसूस न करें। उक्त सारगर्भित उद्गार जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा द्वारा शिक्षक-छात्र सम्बन्धों पर आयोजित परिचर्चा में डॉ. टी.डी. सिंह इंस्टीट्यूट आफ साइंस एण्ड रिलिजिअन, नवी मुम्बई के वाइस प्रेसीडेंट सी.आर. शेषाद्रि ने व्यक्त किए। परिचर्चा का शुभारम्भ अतिथि वक्ता सी.आर. शेषाद्रि ने विद्या की आराध्य मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।


श्री शेषाद्रि ने गुरुकुलम से नए डिजिटल युग तक की शिक्षा यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि यदि हमें अपने विश्व गुरु के ओहदे को पुनः हासिल करना है तो शिक्षक-छात्र सम्बन्धों का प्रगाढ़ होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हममें से अधिकांश ने अपने निजी या व्यावसायिक जीवन में किसी समय किसी मार्गदर्शक की सहायता का लाभ जरूर उठाया है। ऐसे मार्गदर्शक घर-परिवार के साथ ही कार्यक्षेत्र में भी होते हैं। स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक ही छात्र-छात्राओं के लिए मार्गदर्शक होता है।

जी.एल बजाज संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने कहा कि हर छात्र और छात्रा की समस्या अलग-अलग हो सकती है। एक शिक्षक विद्यार्थी की हर समस्या का निदान नहीं कर सकता लेकिन उसकी समस्या को यदि मानवीय आधार पर सुन भी ले तो उसका मन जरूर हल्का हो जाएगा। प्रो. अवस्थी ने कहा कि शिक्षक का विचारों से उदार होना जरूरी है न कि कट्टरवादी। एक अच्छा शिक्षक वही है जिसके अंदर धैर्य और सहनशीलता कूट-कूट कर भरी हो। उन्होंने कहा कि आज के समय में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की उक्ति- एक दीपक तब तक बाकी दीपों को नहीं जला सकता, जब तक कि उसके अपने भीतर ज्वाला न हो, सर्वथा प्रासंगिक है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि एक अध्यापक अपने छात्रों को तब तक नहीं पढ़ा सकता, जब तक कि वह स्वयं सदैव सीखने को उत्सुक न हो। परिचर्चा के बीच में छात्र-छात्राओं ने कुछ नृत्य, संगीत और मनोरंजन कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में साहित्यिक क्लब के समन्वयक विशाल सक्सेना ने सभी का आभार माना।



दूसरे चित्र में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए जी.एल बजाज संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी।

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