Monday, May 6, 2024
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इस खूबसूरत दुनिया के अद्वितीय रचनाकार हैं भगवान विश्वकर्माः प्रो. नीता अवस्थी

  • वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुई भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना


मथुरा। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के शैक्षिक संस्थान जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा तथा के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में शनिवार को मनुष्यों और देवताओं में निर्विवाद रूप से सर्वश्रेष्ठ शिल्पी के रूप में प्रतिष्ठित भगवान विश्वकर्मा की जयंती वैदिक एवं पौराणिक मंत्रों की ध्वनि तथा हवनकुण्ड की पवित्र अग्नि में आहुतियों के बीच मनाई गई। इतना ही नहीं संस्थान में स्थापित सभी मशीनों के साथ-साथ इंजीनियरिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले औजारों की भी पूजा की गई।


विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने इंजीनियरिंग छात्र-छात्राओं को भगवान विश्वकर्मा से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि देवताओं के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा अपने आप में बिल्कुल अनूठे हैं, उन्होंने अपने कौशल से पौराणिक काल में देवताओं और मानव को ऐसी नायाब आकृतियां सौंपीं, जिनकी शानदार संरचनाओं के बारे में सुनकर हम सब आज भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं।


जी.एल. बजाज की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने इंजीनियरिंग और आर्किटेक्ट के छात्र-छात्राओं से अपने संदेश में कहा कि भगवान विश्वकर्मा ही हमारी इस खूबसूरत दुनिया के अद्वितीय रचनाकार हैं। जिस तरह विश्व के रचनाकार भगवान विश्वकर्माजी ने इस संसार को इतना सुन्दर रूप प्रदान किया है ठीक उसी तरह आप सब इस देश व समाज को अपने कौशल व कुशलता से उत्कृष्ट रूप में ढाल सकते हैं।


प्रो. अवस्थी ने कहा कि भगवान विश्व कर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुआकार माना जाता है और उन्हों ने कई पौराणिक इमारतों की रचना की थी। भगवान विश्वपकर्मा ने ही इंद्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वउर्गलोक, लंका और जगन्नानथपुरी का निर्माण करवाया था। उन्हों ने ही भगवान शिव का त्रिशूल और विष्णुऔ भगवान का सुदर्शन चक्र तैयार किया था।


पूजा-अर्चना कार्यक्रम में मैकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. उदयवीर सिंह, डॉ. मंधीर वर्मा, डॉ. भोले सिंह, डॉ. नक्षत्रेश कौशिक, डॉ. रमाकांत बघेल, आर्किटेक तानिया बेरा व जी.एल. बजाज संस्थान के प्राध्यापक और कर्मचारी शामिल रहे। सभी ने भगवान विश्वकर्मा से शक्ति व सामर्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना की ताकि वे सब अपने-अपने कार्यक्षेत्र में निर्धारित कार्यों का सही ढंग से सम्पादन करते हुए अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकें।


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