Saturday, May 4, 2024
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जीएलए विश्वविद्यालय और नामीबिया विश्वविद्यालय के मध्य शैक्षणिक करार


मथुरा। अपने प्रत्येक विद्यार्थियों को रोजगारपरक और अच्छा रिसर्चर बनाने के उद्देश्य से जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा एक के बाद एक संस्थानों के साथ एमओयू साइन कर रहा है। हाल ही में जीएलए यूनिवर्सिटी और नामीबिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नामीबिया के मध्य करार हुआ है। इस करार से विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च करने के अवसर मिलेंगे, बल्कि रोजगारपरक शिक्षा भी प्राप्त होगी।


इस अंतर्राष्ट्रीय एमओयू के माध्यम से विद्यार्थियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने में तो सहायता मिलेगी ही, अनुसंधान के लिए भी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त होगा। अच्छे रिसर्चरों के माध्यम से विद्यार्थी और शिक्षक अनुसंधान को बढ़ावा देने में सफल होंगे। इसके अलावा नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शोध प्रकाशन और अन्य अकादमिक अनुभव आदान-प्रदान होंगे।


विदित रहे कि नामीबिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नामीबिया जो कि नामीबिया गणराज्य में उच्च शिक्षा का पहला संस्थान रहा है। इसी विश्वविद्यालय के माध्यम से कृषि, फार्मेसी, विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने के उद्देष्य से विशय-विषेशज्ञों के द्वारा शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संयुक्त रूप से अभ्यास करने वाले पेषेवरों, संकाय सदस्यों, अनुसंधान विद्धानों और कृशि विज्ञान के छात्रों हेतु कार्यषालाएं, सेमिनार सहित विभिन्न तकनीकी ज्ञान साझा किया जाएगा।


डीन इंटरनेशनल रिलेशन एंड एकेडमिक कोलाॅबोरेशन प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने कहा कि अब विद्यार्थी को रोजगारपरक षिक्षा की जरूरत है। जिससे विद्यार्थी एक अच्छी षिक्षा हासिल कर बेहतर रोजगार पा सके। इसी को मद्देनजर रखते हुए जीएलए विष्वविद्यालय अंतर्राश्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों को प्रदान की जाने वाली षिक्षा भी जीएलए विष्वविद्यालय में ही अपने विद्यार्थियों को प्रदान कर रहा है। प्रो. शर्मा ने बताया कि यह एमओयू जीएलए के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह और नामीबिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नामीबिया के कुलपति प्रो. एरोल्ड नाओमाब के हस्ताक्षर के बाद प्रभावी हुआ है। प्रो. एरोल्ड ने कहा कि इस करार से दोनों विष्वविद्यालय के विद्यार्थी और शिक्षकों को शोध व पाठ्यक्रम के विकास मे सुनहरे अवसर मिलेंगे।


एमओयू साइन से पूर्व नामीबिया विष्वविद्यालय की टीम ने जीएलए विष्वविद्यालय की आधुनिक लैबों को बारीकी से देखा। इसके बाद वह विष्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से रूबरू हुए। सीएसईडी लैब 4.0 इंडस्ट्री और सेन्ट्रल लाइब्रेरी में आज के समयानुसार किताबों का जखीरा देख काफी खुष नजर आये। नामीबिया टीम ने कहा कि जीएलए विष्वविद्यालय की ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर ही नही, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर भी हो रही है।

इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ. कॉलिन स्टेनली, यूनेस्को प्रोजेक्ट चेयर डाॅ. धर्म सिंह जाट, कार्यकारी डीन प्रो. फुंगी भूमा शावा, कार्यवाहक एसोसिएट डीन रिसर्च डॉ. सुमा हमुनयला, कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, डीन एकेडमिक प्रो. आषीश षर्मा, आईबीएम निदेषक प्रो. अनुराग सिंह, हिमानी कौशिक, गौतम गुप्ता, आशीष सिंह, राधिका शर्मा, ज्योति शर्मा आदि उपस्थित रहे।

जीएलए के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में हुई कार्यषाला


मथुरा। जीएलए विष्वविद्यालय, मथुरा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में आइईईई आर-10 द्वारा समर्थित साप्ताहिक इंडस्ट्री एकेडेमिया इंगेजमेंट वर्कशॉप (स्मार्ट टेक्नोलॉजीज एंड एम्पावरमेंट ऑफ इंडियन फार्मिंग सेक्टर इस्टाब्लिशमेंट ऑफ ऑनसाइट माइक्रो-इंडस्ट्री) पर आइएएस डॉ. हीरा लाल ने व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के आरम्भ में प्रोफेसर शांतनु चैधरी ने हीरा लाल जी का परिचय कराया। इसके उपरांत डॉ. हीरा लाल द्वारा लिखित डायनामिक डीएम पुस्तक का विमोचन भी किया। इस कार्यक्रम मे डॉ. हीरा लाल ने छात्रों एवं प्रतिभागियों को जीवन मे सफल होने का मूलमंत्र दिया।

अपने व्याख्यान मे डॉ. हीरा लाल ने मॉडल गांव मे प्रचलित सामाजिक उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए तंत्र के बारे मे विस्तृत रूप से बताया। महानोबिस सेंटर फॉर क्रॉप फोरकास्टिंग के वर्तमान निदेशक डॉ. सीएस मूर्ति ने कृषि क्षेत्र में किसान जोखिम को कम करने के लिए फसल बीमा की महत्वता पर जोर दिया। इस वर्कशॉप में रितेश पटेल, प्रोफेसर आर मोहंती, प्रोफेसर बृजेश कुमार, डॉ. सूर्य प्रकाश आदि ने अपने संबंधित विशयों पर व्याख्यान दिए। इस कार्यक्रम मे विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार देवलिया, कार्यक्रम संयोजक डॉ. संजय कुमार मौर्या, सचिन गोयल, डॉ. अरविन्द यादव, डॉ. विवेक श्रीवास्तव, डॉ. सुलभ सचान आदि उपस्थित रहे।

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