Tuesday, September 16, 2025
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रावण की अट्टहास से गूंजा गोवर्धन

गोवर्धन। रामलीला में सीता हरण व बालि वध का आकर्षक मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रावण का किरदार रसिक मुखिया ने निभाया। सोने का मृग देख सीता जी ने उसे पाने की जिद की। भगवान राम ने मृग का पीछा किया। श्री राम को माया रूपी मृग काफी दूर जंगलों की ओर ले गया। हाय राम-हाय राम की गुहार सुन सीता जी व्याकुल हो गईं और लक्ष्मण को मदद के लिए भेजा। जाते समय उन्होंने कुटी के चारो ओर धनुष से रेखा खींच दी और मां सीता से उसके पार न जाने को कहा।

लक्ष्मण के जाते ही रावण ब्राह्मण वेश में पहुंचा और भिक्षा के बहाने उनका हरण कर लिया। रावण का किरदार निभा रहे रसिक मुखिया जैसे ही मंच पर पहुंचे तो दर्शक जय लंकेश कर ताली बजाते रहे। गौरतलब है कि रसिक मुखिया से पूर्व उनके पिता गौर गोपाल मुखिया तथा उनसे पूर्व उनके बाबा स्व श्री सालिगराम मुखिया जी निभाते आए हैं। राम व लक्ष्मण सीता की खोज में वन-वन भटकते व विलाप करते किष्किधा पर्वत पहुंचे। यहां उनकी मित्रता सुग्रीव से हुई। केवट लीला को आकर्षक बनाने के लिए मानसी गंगा में नाव पर मंचन कर जीवंत किया गया।

सुरेश बाबा और सोनू सेठ ने रावण का मंत्री बन दर्शकों को गुदगुदाया। पंकज मुखिया ने स्वरूपों की व्यवस्था संभाली। रामलीला में अध्यक्ष गौतम खंडेलवाल, उपाध्यक्ष लक्ष्मण मुखिया, महामंत्री विष्णु सेठ मंगल नाज, मंत्री राजेंद्र अग्रवाल चक्की वाले, अमित बाबा, गुड्डू महावन, दद्दा भैया आदि का सहयोग रहा।

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