Wednesday, May 22, 2024
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शिक्षण को मनोरंजक बनाने के लिए शैक्षिक भ्रमण जरूरीः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल

  • राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने उठाया शैक्षिक भ्रमण का लुत्फ


मथुरा। शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास की महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे छात्र-छात्राओं को अपने और दूसरों के अनुभव सीखने का अच्छा अवसर मिलता है। जब विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण पर जाते हैं तो वे अपनी आंखों से प्रत्यक्ष रूप में देखकर किसी भी विषयवस्तु का वर्णन करने में सक्षम हो जाते हैं। इससे उनके भ्रम और मिथ्या धारणाएं भी दूर होती हैं। इसी उद्देश्य को लेकर विगत दिवस राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण पर भेजा गया।

शैक्षिक भ्रमण की इस कड़ी में कक्षा नर्सरी से पांचवीं तक के छात्र-छात्राओं को वृन्दावन स्थित कृष्णा फनलैंड तथा कक्षा छह से नौवीं तक के छात्र-छात्राओं को झज्जर स्थित प्रतापगढ़ फार्म हाउस एण्ड रिजॉर्ट का भ्रमण कराया गया। अपने शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने जहां सैन्य प्रशिक्षण से सम्बन्धित क्रियाकलापों की जानकारी हासिल की वहीं ऊंट की सवारी, नौका विहार, आउटडोर गेम, इंडोर गेम आदि का भी जमकर आनंद लिया। इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं ने दादा-दादी के समय की भूली-बिसरी विरासतों मसलन चक्की चलाना, मिट्टी के बर्तन बनाना, चरखे द्वारा सूत कातने आदि का प्रत्यक्ष ज्ञान भी अर्जित किया। शैक्षिक भ्रमण से लौटे छात्र-छात्राओं ने जहां अपने अनुभव सुनाए वहीं ऐसे स्थलों पर बार-बार जाने की इच्छा भी जताई।


आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि किताबी ज्ञान के साथ ही छात्र-छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण पर भेजना बहुत जरूरी है। इससे जहां बच्चों को प्रायोगिक ज्ञान मिलता है वहीं वे विविध जलवायु, वातावरण, विकास, इतिहास, संस्कृति से भी रूबरु होते हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि शिक्षण को अधिक से अधिक मनोरंजक, आकर्षक, रुचिकर बनाने के लिए ही राजीव इंटरनेशनल के छात्र-छात्राओं को समय-समय पर शैक्षिक भ्रमण के लिए भेजा जाता है।


प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण से छात्र-छात्राओं के दृष्टिकोण में विस्तार होता है, उनकी कल्पना शक्ति बढ़ती है। शैक्षिक भ्रमण से छात्र-छात्राओं में एक अनुभूति जागृत होती है तथा वे अपने राष्ट्र की विभिन्नताओं– इतिहास, विज्ञान, शिष्टाचार तथा प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से जान पाते हैं। शैक्षिक भ्रमण से छात्र-छात्राओं में समूह में रहने की प्रवृत्ति, नायक बनने की क्षमता तथा आत्मविश्वास में भी इजाफा होता है।


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