Sunday, October 6, 2024
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जीएल बजाज के पूर्व छात्रों ने साझा किए अपने कार्य क्षेत्र के अनुभव

  • आईटी इंजीनियर की भूमिका और जिम्मेदारियों से रूबरू हुए विद्यार्थी


मथुरा। छात्र-छात्राओं में सीखने और सिखाने की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा में गुरुवार को एलुमनी कनेक्ट प्रोग्राम (बी.टेक बैच 2009-13) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व छात्र केतन कुमार अरोड़ा बी.टेक आईटी तथा लीलाधर बी.टेक ईसीई ने अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से अपने कार्यक्षेत्र के अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का शुभारम्भ करने से पहले डॉ. रमाकांत बघेल विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर साइंस तथा संजीव सिंह इंचार्ज एल्यूमिनाई सेल ने दोनों पूर्व छात्रों का स्वागत किया।

गौरतलब है कि जीएल बजाज के पूर्व छात्र केतन कुमार अरोड़ा तकनीकी परियोजना प्रबंधक के रूप में होम क्रेडिट इंडिया, गुरुग्राम में सेवाएं दे रहे हैं। इनके पास सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में 9 साल से अधिक का कार्य अनुभव है। इसी तरह लीलाधर सात साल से डीटीडीएल, गुरुग्राम में एसडीईटी (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर) के रूप में सेवारत हैं। केतन कुमार अरोड़ा ने छात्र-छात्राओं से नई तकनीकों को सीखने और विशेष प्रोग्रामिंग भाषाओं पर कमांड करने पर जोर दिया। उन्होंने डेटा संरचनाओं के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

लीलाधर चूंकि इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हैं सो उन्होंने समाज में एक आईटी इंजीनियर की भूमिका और जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। सीखने-सिखाने की प्रक्रिया की चर्चा में उन्होंने छात्र-शिक्षक के बीच बातचीत करने के लिए कक्षा शिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के संबंध में छात्रों के विभिन्न सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि समाज के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए एआई अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिए हमेशा इंजीनियरों की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि आईटी इंजीनियरों को समय-समय पर नई तकनीकों के साथ अपने कार्यक्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता होती है।


संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने पूर्व छात्रों का बहुमूल्य समय और सुझाव देने के लिए अभिनंदन करते हुए छात्र-छात्राओं से कहा कि हम हर बात पुस्तकों में नहीं पढ़ सकते। पूर्व छात्रों ने अपने जो अनुभव साझा किए हैं वह जीवन पर्यंत मानस में अंकित रहेंगे तथा स्वर्णिम करिअर निर्माण में सहायक होंगे। कार्यक्रम में डॉ. भोले सिंह, डॉ. नक्षत्रेश कौशिक, डॉ. अमित पाराशर, डॉ. अजय उपाध्याय आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संजीव सिंह ने किया तथा डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नक्षत्रेश कौशिक ने आभार माना।

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