Friday, April 26, 2024
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मुंह के कैंसर का जल्द पता लगने से बच सकती है जान: डॉ. दीपिका मिश्रा

  • के.डी. डेंटल कॉलेज में राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस पर हुईं विभिन्न प्रतियोगिताएं


मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, मथुरा के ओरल पैथोलॉजी विभाग द्वारा देश के पहले ओरल पैथोलॉजिस्ट डॉ. एच.एम. ढोलकिया की जयंती पर राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस मनाया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के बीच ओरल पैथोलॉजी विषय से संबंधित पोस्टर मेकिंग, रंगोली, सॉप कार्विंग और फेस आर्ट पेंटिंग आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस का शुभारम्भ डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी द्वारा विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया।

राष्ट्रीय ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस के शुभारम्भ अवसर पर प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए जहां डॉ. एच.एम. ढोलकिया के कृतित्व और व्यक्तित्व की जानकारी दी वहीं उन्होंने कहा कि प्रायः विज्ञापनों के माध्यम से यह तो बताया जाता है कि तम्बाकू और पान मसाला खाने से आपको मुंह का कैंसर हो सकता है, लेकिन कोई भी विज्ञापन आपको यह नहीं बताता है कि क्या लक्षण दिखें तो आप सतर्क हो जाएं जिससे कैंसर होने की नौबत न आए। डॉ. लाहौरी ने कहा कि कैंसर होने से पहले भी आपका शरीर आपको कई तरह के लक्षण दिखाने लगता है जिसे समय रहते समझना जरूरी है।

ओरल पैथोलॉजिस्ट दिवस पर विशिष्ट अतिथि डॉ. दीपिका मिश्रा (अतिरिक्त प्रोफेसर, सीडीईआर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली) ने ओरल प्री-कैंसर और ओरल कैंसर की वर्तमान नैदानिक अवधारणाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि तम्बाकू में निकोटिन और टार नामक हानिकारक तत्व पाए जाते हैं जोकि कैंसर के कारक होते हैं। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि आप किसी तरह के तम्बाकू उत्पाद खाएं तभी आपको ओरल कैंसर होगा, परिवार में किसी को ओरल कैंसर हो तो भी इसकी आशंका बनी रहती है। इसके अलावा शार्प टूथ यानि मुंह के अंदर किसी तरह नुकीले दांत से जीभ या गाल लगातार कटती रहे और जख्म न भरे तो भी ओरल कैंसर हो सकता है। एचपीवी वायरस से भी ओरल कैंसर की सम्भावना होती है।

विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश ने ओरल प्री-कैंसर और ओरल कैंसर के शीघ्र निदान के महत्व और आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मुंह का कैंसर मौखिक गुहा के किसी भी हिस्से होंठ, जीभ, गालों की अंदरूनी परत, मुंह के ऊपरी हिस्से आदि पर भी हो सकता है लिहाजा विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। डॉ. राम बल्लभ ने वक्ता का परिचय दिया तथा मौखिक प्री-कैंसर और कैंसर का पता लगाने में दंत चिकित्सकों की भूमिका के बारे में बताया। अंत में बीडीएस छात्र-छात्राओं द्वारा मुंह के रोगों तथा मुंह के कैंसर पर जन जागरूकता नाटक का मंचन किया गया। इतना ही नहीं उत्साही बीडीएस स्नातक छात्र-छात्राओं द्वारा पोस्टर मेकिंग, रंगोली, सॉप कार्विंग और फेस आर्ट पेंटिंग आदि के माध्यम से भी ओरल प्री-कैंसर और ओरल कैंसर की जानकारी दी गई। अंत में विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।
चित्र कैप्शनः डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी तथा डॉ. दीपिका मिश्रा के साथ बीडीएस स्नातक छात्र-छात्राएं।

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