Sunday, May 5, 2024
Homeशिक्षा जगतझाड़-फूंक नहीं बल्कि मनोरोगी का कराएं इलाजः डॉ. कमल किशोर वर्मा

झाड़-फूंक नहीं बल्कि मनोरोगी का कराएं इलाजः डॉ. कमल किशोर वर्मा

के.डी. हॉस्पिटल में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस के उपलक्ष्य में मानसिक रोग विभाग द्वारा मंगलवार को मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. कमल किशोर वर्मा ने इस रोग के लक्षणों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति को झाड़-फूंक के चक्कर में न डालते हुए उसका सही तरीके से चिकित्सकीय उपचार कराना चाहिए।
डॉ. वर्मा ने बताया कि सिजोफ्रेनिया का मरीज हमेशा भ्रम की स्थिति में रहता है। वह अकेले रहना और खुद से बातें करना पसंद करता है। उसे ऐसी चीजें दिखाई व सुनाई देती हैं, जो हकीकत में होती ही नहीं हैं। धीरे-धीरे उसका व्यवहार हिंसक और आक्रामक हो जाता है। यह बीमारी इस हद तक बढ़ जाती है कि व्यक्ति अपना ही दुश्मन बन जाता है। यह मानसिक बीमारी कई बार आत्महत्या का कारण बन जाती है। बीमारी का कारण आनुवांशिक, तनाव, पारिवारिक झगड़े व नशे की लत हो सकती है। ऐसे में समय से समुचित इलाज बेहद जरूरी है। इलाज शुरू होने पर मरीज आठ से 10 महीने में ठीक हो सकता है।
उन्होंने बताया कि जानकारी के अभाव में आमतौर पर लोग इस बीमारी की चपेट में आने वाले व्यक्ति की सनक या भूत-प्रेत का साया समझ बैठते हैं। जबकि इसमें अपनी भावनाओं व विचारों पर मरीज़ का कोई नियंत्रण नहीं रहता। ऐसे मरीजों के परिजन कई बार झाड़-फूंक कराने में लग जाते हैं इससे इनकी मानसिक स्थिति और खराब हो जाती है। इसलिए परिजनों को अंधविश्वास में न पड़कर ऐसी स्थिति में मरीज को इलाज के लिए चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।
इस अवसर पर डॉ. विदुषी मक्कड़ ने बताया कि सिजोफ्रेनिया एक गंभीर बीमारी है। इससे पीड़ित व्यक्ति को बेहतर जीवन देने के लिए घर-परिवार के लोगों को संयम बरतना चाहिए क्योंकि इस तरह के रोगी को परिवार के सपोर्ट की बहुत आवश्यकता होती है। इस बीमारी का साधारण इलाज है लेकिन रोगी को समय रहते डॉक्टर के पास ले जाना जरूरी है। समय रहते यदि इस तरह के मरीजों को उपचार मिल जाए तो वे पूरी तरह ठीक हो सकते हैं और समाज की मुख्य। धारा में शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि प्रतिवर्ष 24 मई को विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण एवं जन जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. अंकुश सिंह, डॉ. प्रियंका अरोड़ा, डॉ. रवनीत कौर, नैदानिक मनोविज्ञानी सचिन गुप्ता, मनोचिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ता संध्या कुमारी, राधारानी चतुर्वेदी, नर्सिंग इंचार्ज मनोरोग विभाग पूजा कुंतल, मंजनी तथा बड़ी संख्या में मनोरोगी और उनके परिजन उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments