Thursday, May 16, 2024
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जीएलए में बीटेक इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलाॅजी कोर्स शुरू

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स टेक्नोलाॅजी क्षेत्र में जीएलए से छात्रों को मिलेंगे रोजगार के शानदार अवसर, प्रवेश शुरू

मथुरा : ऑटोमोबाइल के बाद अब हम इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की दुनिया में कदम बढ़ा रहे हैं। केंद्र समेत तमाम राज्य सरकारें भी अपने यहां इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई-नई पॉलिसी ला रही हैं। ऐसे में जब हमारी रफ्तार की दुनिया इलेक्ट्रिक होने जा रही है, तो वहीं देश के नौजवानों के लिए भी रोजगार के शानदार मौके हैं। ऐसे में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनी सीमेंस इंडिया के सहयोग से बीटेक इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलाॅजी कोर्स की शुरुआत की है। इस कोर्स के लिए प्रवेश भी शुरू हो गए हैं।

इस पाठ्यक्रम की शुरुआत के लिए जीएलए विश्वविद्यालय ने सीमेंस इंडिया के साथ मिलकर मानव संसाधन विकास के लिए साझेदारी की है। सीमेंस एक अग्रणी व्यापार और औद्योगिक संगठन है जो इलेक्ट्रिक वाहन टेक्नोलाॅजी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखती है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को इलेक्ट्रिकल व्हीकल टेक्नोलॉजी के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षण प्राप्त होगा। अपने अध्ययन के दौरान छात्रों को ईवी बैटरी टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन, ऑटोमोटिव एंबेडेड प्रोग्राम, ईवी पावरट्रेन डिजाइन, ईवी मैन्युफैक्चरिंग, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डिजाइन, ईवी रखरखाव और सेवा, विद्युत मोटर्स, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, वाहन के बायोमेट्रिक्स और संचालन तकनीक आदि के क्षेत्र में बेहतर ज्ञान मिलेगा।

जीएलए के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की इस पहल के माध्यम से छात्रों को उच्च गुणवत्ता में षिक्षा प्राप्त होगी। जिससे उन्हें इलेक्ट्रिकल व्हीकल टेक्नोलॉजी क्षेत्र में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थानांतरित होने के दौरान किसी भी परेषानी का सामना न करना पडे़। इस पाठ्यक्रम की शुरुआत से यह स्पष्ट है कि जीएलए विश्वविद्यालय अपने छात्रों को विशेषज्ञता और अद्यतन ज्ञान के साथ इलेक्ट्रिकल व्हीकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तैयार करने के लिए संकल्पित है। यह पहल छात्रों को नवीनतम इलेक्ट्रिकल व्हीकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक सशक्त रोल निभाने का अवसर प्रदान करेगी।

एसोसिएट डायरेक्टर प्रो. शांतनु चौधरी एवं विभागाध्यक्ष प्रो. विनय कुमार देवलिया ने बताया कि जीएलए ने एक बुनियादी ढांचा तैयार किया है, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल डिजाइन लैब, प्रोटोटाइप निर्माण के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ एक कार्यशाला और इलेक्ट्रिक वाहनों और घटकों के कामकाजी मॉडल शामिल हैं। छात्र कहीं भी जाए बिना हमारे नेटवर्क के केंद्रों में डिजाइन तैयार कर सकते हैं और डिजाइन को अंतिम उत्पाद में बदल सकते हैं।

उन्होंने बताया कि छात्रों के द्वारा इस क्षेत्र में नए आइडिया को उत्पाद में बदलने के लिए भी विश्वविद्यालय में न्यूजेन आइईडीसी सेल गठित है, जहां छात्रों को पूर्ण सहायता प्रदान कर प्रोटोटाइप तैयार करने और उनको मार्केट में उतारने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित है।

कोर्स काॅर्डिनेटर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. अरविंद कुमार यादव ने बताया कि बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्पेसलाइजेशन कोर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलाॅजी कोर्स 4 वर्ष की अवधि का है। उन्होंने बताया कि यह कोर्स छात्रों के भविष्य के अनुरूप ही तैयार किया गया है। विभाग में स्थापित इलेक्ट्रिक मशीन लैब, इलेक्ट्रिक ड्राइव लैब, राॅकवेल ऑटोमेशन लैब जैसी आधुनिक लैब्स और तैयार की जा रही हैं। इन सभी लैबों के माध्यम से छात्र प्रषिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।

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