Wednesday, May 8, 2024
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जीएलए लाॅ संस्थान की उपलब्धियों में जुड़ा एक और मील का पत्थर

जीएलए लाॅ संस्थान में पांच वर्षीय बीबीए एलएलबी पाठ्यक्रम आरंभ

जीएलए लाॅ संस्थान में पांच वर्शीय बीबीए एलएलबी ऑनर्स को बीसीआई से मिली मान्यता

मथुरा : वर्ष 2018 से जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा इंस्टीट्यूट ऑफ़ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च संस्थान द्वारा आरंभ किए गए बीए एलएलबी ऑनर्स एवं बीकाॅम एलएलबी ऑनर्स के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा संस्थान को वर्ष 2023 से बीबीए एलएलबी ऑनर्स पाठ्यक्रम की मान्यता के रूप में उपलब्धि हासिल हुई है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में उद्योग जगत में काॅर्पोरेट लाॅ, सिविल लाॅ, क्रिमिनल लाॅ, टैक्स लाॅ, टैक्सेशन लाॅ, इंटरनेषनल लाॅ सहित आदि क्षेत्रों में एलएलबी युवाओं के लिए उच्च वेतनमान पर विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं लाॅ को एक प्रोफेषन के तौर पर अपनाने हेतु अग्रसर हैं। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया का अप्रूवल प्राप्त करके वर्ष 2018 में बीए एलएलबी ऑनर्स एवं बीकाॅम एलएलबी ऑनर्स पाठ्यक्रम आरंभ किया गया था। जिसके उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं सफलता के पश्चात् वर्ष 2023 से बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा संस्थान को पांच वर्षीय बीबीए एलएलबी ऑनर्स पाठ्यक्रम आरंभ करने की मान्यता मिली है।

जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा इंस्टीट्यूट ऑफ़ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च संस्थान के डीन प्रो. सोमेश धमीजा ने बताया कि वर्तमान में मेधावी छात्र-छात्राएं लाॅ के पांच वर्षीय पाठ्यक्रम के बाद जहां एक ओर प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी सफलता परचम लहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उद्योग जगत भी लाॅ प्रोफेशनल को हाथों-हाथ ले रहा है और उच्च वेतनमान पर नियुक्ति प्रदान कर रहा है। प्रो. धमीजा ने बताया कि वर्तमान परिदृष्य में पांच वर्षीय लाॅ स्नातक पाठ्यक्रम के बाद छात्र-छात्राओं को न्यायायिक सेवा, काॅरपोरेट लाॅयर, लीगल एडवाइजर, लाॅ रिपोर्टर, लीगल असिस्टेंट, साइबर लाॅ एक्सपर्ट इत्यादि के रूप में अनेक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। जीएलए विश्वविद्यालय द्वारा इन सभी अवसरों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अपने पाठ्यक्रम में नए विषयों का समावेश करता रहता है। संस्थान द्वारा उच्च स्तरीय शिक्षा के साथ-साथ मूट कोर्ट प्रैक्टिश सेषंस, वर्कशॉप, गेस्ट लेक्चर, कॉन्फ्रेंस, सेमिनार के माध्यम से भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा सभी छात्र-छात्राअेां को प्रतिष्ठित संस्थानों में इन्टर्नशिप भी करवायी जा रही है, जिसका परिणाम है छात्र-छात्राओं के उच्च प्लेसमेंट के रूप में परिलक्षित हो रहा है। संस्थान के छात्र शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् वर्तमान में इंफोसिस, एचडीएफसी एरगो, कोफोरेज, वाइस वेज कंसल्टिंग, साइबर पीस आदि कंपनियों में उच्च वेतनमान पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

प्रो. धमीजा ने बताया कि पांच वर्षीय बीबीए एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश आमंत्रित किए जा रहे हैं तथा इस पाठ्यक्रम में प्रबंधन तथा विधि की नवीनतम विधाओं एवं विषयों का समावेश करके विषय-विशेषज्ञों के समूह द्वारा उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम विकसित किया गया है, जो समस्त छात्र-छात्राअेां को एक पेशेवर के तौर पर विधि के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान द्वारा विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों से किए गए एमओयू छात्र-छात्राओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अनुभव प्रदान करेंगे तथा छात्र-छात्राएं प्रतिवर्ष इंटर्नशिप के माध्यम से अपने पांच वर्षों के अध्ययनकाल में ही एक पेशेवर के तौर पर समस्त स्किल्स प्राप्त करके अपनी इच्छा के क्षेत्र में उचित रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।

वर्तमान में संस्थान द्वारा बीबीए एलएलबी ऑनर्स, बीकाॅम एलएलबी ऑनर्स तथा बीए एलएलबी ऑनर्स के साथ-साथ एलएलएम इन साइबर लाॅज एंड डेटा प्राइवेसी तथा बैकिंग फाइनेंस एंड इंश्योरेंस लाॅज में ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिए जा रहे हैं तथा बाहरी छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए देश के विभिन्न शहरों में भी एडमिशन ऑफिस खोले गए हैं, जिनकी जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, सीईओ नीरज अग्रवाल, सीएफओ विवेक अग्रवाल, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह आदि ने वर्तमान छात्र-छात्राओं को बेहतर प्रदर्शन हेतु अपनी शुभकामनायें देते हुए कहा कि अच्छे शिक्षकों तथा अच्छी शिक्षा प्रणाली के माध्यम से विश्वविद्यालय लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन दे रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप नेशनल असेंसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) द्वारा विश्वविद्यालय को 3.46 के उच्च अंकों के साथ ‘ए प्लस‘ एक्रीडिटेशन भी प्राप्त हुआ है, जिससे उद्योग जगत का विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली विश्वास और भी गहरा हुआ है।

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