Thursday, May 9, 2024
Homeडिवाइन (आध्यात्म की ओर)वैदिक ऋचाओं के मंत्रोच्चारण से हवन कर मनाया गया संस्कृत दिवस

वैदिक ऋचाओं के मंत्रोच्चारण से हवन कर मनाया गया संस्कृत दिवस

प्राचीन संस्कृत धर्मग्रंथों का किया गया पूजन

संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त मथुरा महानगर एवं श्री दीर्घ विष्णु मंदिर सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में श्रावण पूर्णिमा को भरतपुर गेट घीया मंडी स्थित प्राचीन श्री दीर्घ विष्णु मंदिर में संस्कृत दिवस वैदिक विधि विधान से हवन व संस्कृत धर्मग्रंथों का पूजन कर मनाया गया।
इस अवसर पर सर्व प्रथम भगवान श्री दीर्घ विष्णु जी के सम्मुख अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। वैदिक विद्वान आचार्य देवदत्त चतुर्वेदी देवो पंडित एवं आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी, पंडित गौरव दीक्षित द्वारा सस्वर सामूहिक स्वस्तिवाचन किया गया। इसके पश्चात संस्कृत भारती शिक्षण प्रमुख आरती राजपूत व दीपांशी अग्रवाल द्वारा ध्येय मंत्र का पाठ किया गया। ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी द्वारा वैदिक व पौराणिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया।
यज्ञाचार्य पंडित देवदत्त चतुर्वेदी द्वारा चारों वेदों की ऋचाओं के मंत्रोच्चारण एवं पुरुष सूक्त व श्री सूक्त से सामूहिक हवन पूजन करवाया गया जिसमें सभी ने आहूति देकर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
इसके बाद विद्वत गोष्ठी का आयोजन श्री दीर्घ विष्णु मंदिर सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं दीर्घ विष्णु मंदिर के सेवायत महन्त श्री कान्तानाथ चतुर्वेदी की अध्यक्षता में किया गया जिसमें प्रमुख रूप से संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त मंत्री डॉ धर्मेन्द्र कुमार अग्रवाल ने संस्कृत भारती के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा महानगर सहकार्यवाह विजय अग्रवाल बंटा व विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष विनोद राघवजी ने संस्कृत भाषा को विश्व की सबसे प्राचीन भाषा बताते हुए कहा कि विश्व के अनेक देशों में संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।
इस अवसर पर संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त न्यास अध्यक्ष ओमप्रकाश बंसल व ब्रज प्रान्त संगठन मंत्री नरेन्द्र भागीरथी ने कहा कि वर्तमान में संस्कृत भाषा को विश्व के अनेक देशों में ज्ञान व विज्ञान की भाषा के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए दीर्घ विष्णु मंदिर के सेवायत महन्त कान्तानाथ चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता और परम्पराओं को सुरक्षित रखना है तो संस्कृत का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। उन्होंने संस्कृत दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त मथुरा महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने सभी भारतीय धर्मपरायण जन मानस के लिए, संस्कृत दिवस, श्रावणी महापर्व, गायत्री जयंती, रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत में संस्कृत दिवस सर्वप्रथम सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश पर राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर मनाया गया उन्होंने कहा संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है। हमारे प्राचीन धर्मग्रंथ भी संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं।
संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त मथुरा महानगर प्रचार प्रमुख रामदास चतुर्वेदी शास्त्री ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि भविष्य में संस्कृत भाषा विशेषज्ञों की मांग तेजी से वैज्ञानिक और भाषा के क्षेत्र में बढ़ेगी देश-देशांतर में आज युवक युवतियों के मध्य संस्कृत भाषा के प्रति निरंतर रूचि बढ रही है।
संस्कृत भारती द्वारा चलाएं जा रहे संस्कृत संभाषण के शिविरों में उत्साह और उमंग के साथ जन मानस की उपस्थिति दिन प्रतिदिन बढ रही है।संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में संस्कृत सप्ताह मनाया जायेगा जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं व गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त न्यास सचिव गंगाधर अरोड़ा, कार्यालय प्रमुख हरस्वरुप यादव, पत्राचार प्रमुख गणेश शंकर पाण्डेय, योगेश उपाध्याय आवा, बालकृष्ण चतुर्वेदी, लालकृष्ण चतुर्वेदी, विश्व हिन्दू परिषद जिला संपर्क प्रमुख योगेश गौतम, सरदार राजेन्द्र सिंह होरा, संजय आदि भारी संख्या में उपस्थित संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त मथुरा महानगर एवं श्री दीर्घ विष्णु मंदिर सेवा संस्थान के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सभी को श्रावणी उपाकर्म, रक्षाबंधन व विश्व संस्कृत दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए संस्कृत भाषा को जन जन की भाषा बनाने का आव्हान किया।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक रूप से कल्याण मंत्र के साथ किया गया।
कार्यक्रम के पश्चात् प्रसाद वितरण किया गया और सभी को संस्कृत दिवस की मंगलमय शुभकामनाएं प्रेषित की गई।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments