मथुरा : जीएलए यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के तत्त्वधान में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘एफएसएइटी 23’ का आयोजन कुशलता पूर्वक संपन्न हुआ। त्रि दिवसीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि की भूमिका में प्रोफेसर अनिल कुमार कश्यप जो वर्तमान में निकमार यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं तथा फ्रांस से पधारे विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर पास्कल पिवेट्यू ,शोध निर्देशक आईएनआरएइ ने उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई।
जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने देश और विदेश से आए हुए वैज्ञानिकों, छात्रों, शिक्षाविदों का सम्मान करते हुए आयोजन के मुख्य विषय की सस्टेनेबिलिटी और फ्यूचरिस्टिक पक्ष का स्पष्टीकरण किया।
यह कार्यक्रम चीफ चेयरपर्सन विभागाध्यक्ष प्रो एवं हेड डॉ. सुधीर कुमार गोयल के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के सभापति प्रोफेसर सुभाष त्रिपाठी एसोसिएट डायरेक्टर रिसर्च और उपसभापति डॉ. नकुल गुप्ता थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के मधुर गान से हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनिल कश्यप ने देश सिविल अभियांत्रिकी के क्षेत्र में हो रहे नवाचार और नए विकास कार्यक्रमों की सुंदर जानकारी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के सम्मानित विदेशी अतिथि प्रोफेसर पास्कल पिवेट्यू जी ने फ्रांस में हो रहे बायोलॉजिकल और खाद्य अपशिष्टों से ऊर्जा दोहन प्रणाली की बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए फ्रांस के नगर विकास परिषद द्वारा पर्यावरण पोषी प्रयोगों का गंभीरता से हो रहे कार्यान्वयन पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की। प्रो. राजेश गोयल, डीन एनआईसीएमएआर पुणे ने 3डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी पर विमर्श किया। प्रो. कपिलेश भार्गव, साइंटिफिक ऑफिसर-एच, बीएआरसी मुंबई ने एक केस स्टडी रेजिडेंशियल बिल्डिंग असेसमेंट पर प्रस्तुति दी। प्रो. सी एस पी ओझा, आई आई टी रूरकी ने इंजीनियरिंग इंटरवेंशंस पे चर्चा की, जो भविष्य के संतुलित विकास के लिए आवश्यक है। डॉ. लिंडा गिरेसिनी, असिस्टेंट प्रोफेसर, सैपिएंजा यूनिवर्सिटी ऑफ़ रोम, इटली ने मौजूदा चुनाव वाली इमारतों के लिए डिज़ाइन की आवश्यकता पर जोर दिया।
दूसरे दिन की शुरुआत इंजीनियरिंग में विविध विषयों को कवर करते हुए डॉ. एस. के चतुर्वेदी, एनसीसीबीएम, गाजियाबाद, डॉ. गोविंद परचानि एवं डॉ. एल बी रॉय, प्रोफेसर एनआईटी पटना ने भवन निर्माण सामग्री और प्रबंधन, परिवहन इंजीनियरिंग और भू-तकनीकी इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए, समानांतर तकनीकी सत्र में क्रमवार टेक्निकल प्रस्तुति दी। समापन समारोह में सम्मेलन के समापन के लिए डॉ. के आर सिंह ने सबका अभिवादन किया।
समापन समारोह में एक प्रमाण पत्र और पुरस्कार वितरण समारोह शामिल था। आयोजकों ने कार्यक्रम की सफलता में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए प्रतिभागियों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कुल मिलाकर, ‘एफएसएइटी 23’ ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ज्ञान, अंतर्दृष्टि और अनुसंधान निष्कर्षों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान किया। वक्ताओं की विविध श्रृंखला, तकनीकी सत्र और नेटवर्किंग अवसरों ने इंजीनियरिंग में भविष्यवादी और टिकाऊ दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में सम्मेलन की सफलता में योगदान दिया।
ज्ञात हो कि जीएलए विश्वविद्यालय के परिसर में भी अपशिष्ट खाद्य पदार्थों से ऊर्जा दोहन संयंत्र शीघ्र ही चालू होने जा रहा है, जिससे प्रतिदिन प्रचुर मात्रा में बायोमेथने गैस उत्पन्न होगी, जिसे रसोई की ऊर्जा खपत में काफी कमी आएगी। यह ग्रीन जीएलए की दिशा में एक समाज उपयोगी सार्थक पहल है, जिसका आधार “निसर्ग ऋण” नाम का प्रोग्राम है जो भाभा परमाणु संयंत्र के निर्देशन में हो रहा है ।