दसविसा मुहल्ला में 2 दिन में स्मेकियों ने की 4 वारदात
गोवर्धन। युवा एवं बच्चों का भविष्य नशे के गर्त में समाता जा रहा है। अवैध नशे के सौदागर गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में खुलकर गांजा, समैक, अफीम आदि मादक पदार्थों की बिक्री करा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों की नज़र में गुड वर्क के रूप में एकाध नशे के सौदागर को हल्की धाराओं में गिरफ्तार भी करती है तो वो जमानत कराकर बाहर आ जाते हैं और फिर से अपनी दुकान खोल लेते हैं। बीते दिनों दसविसा में स्मेकियों ने बाहर से आये यात्रियों की गाड़ी का शीशा तोड़कर एक बैग पार कर दिया मगर उसमें सिर्फ कपड़े थे वो उस बैग की तलाशी लेकर बैग को खेतों में फेंक गए। दूसरी घटना मानसी गंगा स्थिति एक दूध प्रसाद की दुकान पर हुई मगर दुकान मालिक के जाग जाने पर वहां से निकल भागे, तीसरी घटना मानसी गंगा के गंगा मन्दिर पर हुई मगर वहां से भी कुछ हाथ नही लग पाया। दसविसा मुहल्ला समय स्मैक पीने वालों से इस समय बेहद त्रस्त है। ये नशेबाज किसी के घर से बल्ब उतार लेते हैं किसी के घर के बाहर लगी नल की टोंटी तक को नही छोड़ रहे हैं, किसी दुकानदार का गल्ला साफ कर देते हैं। दुकानदार लोकल होने की वजह से शिकायत तक दर्ज नही करा पा रहे हैं।कस्बे के कुछ मेडिकल स्टोर एलप्लेक्स नामक नींद की टेबलेट बच्चों एवं युवाओं को बगैर डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बढ़े हुए दामों में उपलब्ध करा रहे हैं। गोवर्धन के ज्यादातर युवा एवं नाबालिग बच्चे नशे के आदी होते जा रहे हैं। मगर न प्रशासन को परवाह है न ही अभिभावकों को, कस्बे में नशा बेचने वालों का बड़ा नेटवर्क है, कई रसूखदार व्यक्ति जिनका कहना पुलिस भी नही टाल पाती इन सौदागरों की पैरवी कर रहे हैं। जैसे ही पुलिस किसी नशा बेचने वाले को पकड़ती है ये रसूखदार पैरवी कर या तो उसे थाने से ही छुड़वा देते हैं या 5 किलो गांजे को 500 ग्राम दर्शाकर हल्की धाराओं में केस दर्ज करवा देते हैं। और अपराधी जमानत पर बाहर आकर पूरे जोशोखरोश से अपने अवैध धंधे को फिर से शुरू कर देते हैं। प्रशासन से अनुरोध है कि शीघ्र ही अगर इन समैक बेचने और पीने वालों को रोका नही गया तो ये भविष्य में किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।