Wednesday, December 24, 2025
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सेनाधिकारी रहे गुरमीत सिंह बने उत्तराखण्ड के राज्यपाल, कहा- महिला सशक्तिकरण का लिखा जाएगा नया अध्याय


देहरादून। उत्तराखण्ड के नव नियुक्त राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने बुधवार को राजभवन में उत्तराखण्ड के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की। राजभवन में आयोजित एक समारोह में उत्तराखण्ड के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान ने गुरमीत सिंह को पद की शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण के पश्चात राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भारतीय सेना की 4 मराठा बटालियन रेजीमेंट द्वारा दिए गए सम्मान गार्ड का निरीक्षण किया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव एस.एस.संधु ने किया। इससे पूर्व मुख्य सचिव एस.एस.संधु ने भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी अधिपत्र पढ़कर सुनाया जिसके अनुसार गुरमीत सिंह को उत्तराखण्ड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।

शपथ ग्रहण के उपरान्त मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए राज्यपाल ने अपनी प्राथमिकताएं बताई। उन्होंने कहा कि ‘‘ प्रदेश की महिलाएं स्वावलम्बी और बहादुर हैं, ऐसे में यहाँ की बेटियों को सैनिक स्कूलों, एन.डी.ए के लिए प्रेरित कर राज्य में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखा जायेगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, सैनिकों के बुजुर्ग माता-पिता और परिवार भी उत्तराखण्ड में हैं। इनकी स्वास्थ्य, पेंशन सम्बधी समस्याओं का निस्तारण, पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना सुविधायें मेरी प्राथमिकता है।


राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ चार धाम हैं, गंगा और यमुना का मायका है, इसके अलावा नानकमत्ता साहिब, रीठा साहिब, हेमकुंड साहिब जैसे अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। यह भूमि एक पवित्र भूमि है। इस पवित्र भूमि की सेवा करना सौभाग्य की बात है। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद किया कि उनको उत्तराखण्ड का राज्यपाल बनने का मौका दिया।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य प्रकृति का खजाना है। इसका सौंदर्य आलौकिक है। उत्तराखण्ड में पर्यटन, पर्यटन आधारित बिजनेस, जैविक कृषि, योग-आयुर्वेद, खाद्य प्रोसेसिंग पर आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर पहाड़ों में रोजगार और उद्यमिता के अपार अवसर सृजित किये जा सकते हैं। वर्तमान सरकार इस दिशा में अच्छा प्रयास कर रही है, आगे भी इसके लिए हर संभव सहयोग राज्य सरकार को हमेशा रहेगा।

राज्यपाल ने कहा कि समय तेजी से परिवर्तित हो रहा है। यह टेक्नोलोजी का युग है। राज्य दो अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा है। इसलिए कनेक्टिविटी, पुल, सड़कों, टनल का सम्पर्क भी महत्वपूर्ण है। समय के अनुसार विकास और तरक्की की नई इबारत लिखनी है। उन्होंने उत्तराखण्ड के वीर सपूत प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा और परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा के साहस, शौर्य और पराक्रम पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने उत्तराखण्ड से राष्ट्र सुरक्षा के लिए सम्मानित 23 महावीर चक्र, 147 वीर चक्र, 6 अशोक चक्र, 19 कीर्ति चक्र प्राप्त करने वाले वीर योद्धाओं को नमन किया। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य गणमान्य अतिथि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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