Monday, May 6, 2024
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आनलाइन शिक्षा को विद्यार्थियों के लिए रुचिकर बनाना होगाःप्रो.दुबे

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के नवागत कुलपति प्रोफेसर (डा.) सीएस दुबे ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आन लाइन हो रही शिक्षा में शिक्षकों को विद्यार्थियों के प्रति और सजग, सहज व समर्पित होना होगा। शिक्षकों को विद्यार्थियों से सीधे और आत्मीय जुड़ाव पैदा करना होगा ताकि वे कक्षाओं में पूरी रुचि लें।
‘लीडर्स आफ टुडे’ विषयक इस कार्यक्रम में प्रोफेसर दुबे ने बताया कि कैसे हम अपने विषय को रुचिकर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि आनलाइन पाठ्यक्रम की शिक्षा देते समय शिक्षकों को यह ध्यान रखना होगा कि वे विद्य़ार्थियों का लेक्चर के प्रति रुझान बनाए रखें। इसके लिए अपनी बात के साथ प्रेजेंटेशन में चित्रों, वीडियो और विख्यात विशेषज्ञों के कोड का रुचिकर इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा पढ़ाने का तरीका और प्रस्तुतिकरण अच्छा होगा तो विद्यार्थी कक्षाओं में अधिक से अधिक संख्या में रुचि लेंगे। उन्होंने बताया कि दो नवंबर से हम विश्वविद्यालय के आन लाइन कार्यक्रमों में देश के अंतर्ऱाष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त और सफल लोगों से संवाद करेंगे। इनके विचारों से हमारे विद्यार्थी विषय से जुड़ी विशेषज्ञता तो हासिल करेंगे ही साथ ही वे अपने कौशल को कैसे विकसित कर सकते हैं यह भी जानेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों के उच्च विकास की सबसे बड़ी जिम्मेदारी माता-पिता के बाद शिक्षकों की होती है। शिक्षकों को पूरे आत्मविश्वास के साथ विषय संबंधी शिक्षण देना होगा।
इससे पूर्व स्कूल आफ इंजीनियरिंग के डीन सुरेश कासवान ने नए और अध्ययनरत छात्रों के शिक्षण कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि हमारे शिक्षकों ने लगातार आनलाइन कक्षाओं द्वारा विद्यार्थियों को अपना बेहतर से बेहतर शिक्षण कार्य किया है। हमें पूर्ण भरोसा है कि आगे भी निर्धारित कार्यक्रमों में हमारे शिक्षक और बेहतर देने का काम करेंगे। उन्होंने बताया एक अक्टूबर से फाउंडेशन प्रोग्राम शुरू हुआ है और यह 31 अक्टूबर तक चलेगा। दो नवंबर से पांच नवंबर तक ओरियंटेशन प्रोग्राम होगा। छह नवंबर से 16 नवंबर के बीच एपेक्स प्रोग्राम चलेगा और इसके बाद रेगुलर क्लासेज नए बैचेस के लिए शुरू हो जाएंगी।
रजिस्ट्रार पूरन सिंह ने सभी शिक्षकों को सुझाव दिया कि बड़ी संख्या में आन लाइन प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का डोक्युमेंटेशन समय से पूरा करा लें, ताकि उनको आगे किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। कार्यक्रम का समापन डीन सुरेश कासवान के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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