Thursday, May 2, 2024
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देश प्रेम, अनुशासन और सभी की स्वतंत्रता के सम्मान से आते हैं नेतृत्व क्षमता के गुण

मथुरा। रोटरी अंतरराष्ट्रीय के मंडल 3110 द्वारा रायला कार्यक्रम तीसरे दिन रविवार को आयोजित किया गया। जिसमें क्लब के 5 केन्द्रों को उनके सामाजिक दायित्वों का प्रयास करने का प्रयास किया गया। इन सेंटरों में सेंटरो मथुरा, कानपुर, आगरा, अलीगढ़ और हल्द्वानी में युवाओं की नेतृत्व क्षमताओं का विकास करने तथा उनमे सामाजिक दायित्व का बोध कराने का प्रयास किया गया।


रोटरी अंतरराष्ट्रीय के अध्यक्ष शेखर मेहता ने सामाजिक दायित्व के विषय में कहा कि आज युवाओं को सामाजिक दायित्वों का बोध होना बहुत आवश्यक है। क्योंकि आज की बदली हुई परिस्थितियों में समाज सेवा कार्यों के माध्यम से पीड़ित मानवता को समाज की मुख्यधारा में लाना है। प्रत्येक राष्ट्र और समाज, युवाओं के विकास में शिक्षा तथा अन्य माध्यमों से उनकी प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान करता है।

इसलिए ये आवश्यक है युवा वर्ग शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने के उपरांत समाज के प्रति अपने दायित्वों का भी निर्वाह करे व समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपनी प्रभावी भूमिका का निर्वाह करे। जिस राष्ट्र में उस राष्ट्र की युवा पीढ़ी सामाजिक परिवर्तन तथा आर्थिक परिवर्तन की बागडोर अपने हाथ में ले लेती है वह समाज आगे उन्नति के मार्ग पर बढ़ जाता है रोटरी अंतरराष्ट्रीय आज समाज में शिक्षा व स्वास्थ्य की दिशा में सार्थक कार्य कर रहा है। रोटरी युवकों को प्रशिक्षण प्रदान कर युवकों को भविष्य के लिये तैयार कर रहा है।

प्रथम सत्र- जीवन में कर्म का बड़ा महत्व

पहले तकनीकी सत्र में सुप्रसिद्ध मोटिवेशनल वक्ता अरुनेंद्र सोनी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को शिक्षा , प्रशिक्षण या उद्बोधन के माध्यम से जाग्रत तो किया जा सकता है परंतु उसे आगे बढ़ाने की इच्छाशक्ति स्वयं में ही जाग्रत करनी होती है। जीवन में कर्म का बहुत बड़ा महत्व है हर व्यक्ति के जीवन में कार्य क़रने प्रवत्ति गर्व प्रदान करती है क्योंकि कर्म सिर्फ़ आजीविका का साधन ही नहीं, बल्कि मानवीय गरिमा तथा गर्व का विषय भी है तथा प्रत्येक व्यक्ति को कार्य के प्रति प्रतिबद्धता व इच्छाशक्ति स्वयं जगानी होती है।

प्रत्येक सफल व्यक्ति ने प्रेरणा तो अनेकों महापुरुषों से ली है परंतु कार्य करने की इच्छाशक्ति उन्होंने अपने में ही बलवती की है। प्रत्येक व्यक्ति यदि अपने अंदर सामाजिक और सकारात्मक चेतना को जाग्रत करें तो वह कर्म के प्रति अपने इच्छाशक्ति को सुदृढ़ कर सकता है तथा अपने आपको सिर्फ़ मोटिवेट कर के सफलता के नए आयाम बना सकता है।

द्वितीय सत्र- स्मृतियों को दिमाग़ में रखने की तकनीक जानना आवश्यक


दूसरे तकनीकी सत्र में मेमोरी तकनीक पर बोलते हुए राष्ट्रीय प्रशिक्षक सुधांशु गुप्ता ने कहा कि ईश्वर ने हम सबको अपार चिंतन की शक्ति दे रखी है। हमारी शारीरिक व मानसिक संरचना इस प्रकार से की गई है कि हम बड़ी से बड़ी लाइब्रेरी की पुस्तकों के ज्ञान को छोटे से मस्तिष्क में रख सकते हैं तथा मस्तिक द्वारा वह सारे चिंतन कर सकते हैं जो बड़े से बड़े सुपर कम्प्यूटर के लिए दुर्लभ हो। इसलिए इसके लिए हमें कुछ इस स्मृतियों को दिमाग़ में रखने की तकनीक को जानना आवश्यक है।

इन तकनीकों को जानते हुए व्यक्ति अपनी मानसिक क्षमता को बढ़ा सकता है। अपने चिंतन को बढ़ा सकता है। ये सब चीज़ें उसके बाद क्षमता को कई गुना बढ़ा देती है यदि हम किसी भी महापुरुष के जीवन को देखें तो पाएंगे उन सभी ने अपनी जीवनशैली द्वारा या अपनी मानसिक शक्ति द्वारा कुछ ऐसी शक्तियां अर्जित की, जिससे वे विलक्षणता को प्राप्त हो सके और उन्होंने अपने ज्ञान को अपनी मानसिक शक्ति को विकसित कर लिया।

तृतीय सत्र- जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक

अगले तकनीकी सत्र में राष्ट्रीय प्रशिक्षक भरत अग्रवाल ने लक्ष्य निर्धारण के विषय पर अपने विचार प्रकट किये. उन्होंने कहा कि जीवन में अपने लक्ष्यों का निर्धारण करना अति आवश्यक है। लक्ष्य निर्धारण के अभाव में जीवन इस तरह से ही हो जाता है जैसे फुटबॉल के मैदान में यदि दोनों तरफ़ गोल पोस्ट को हटा दिया जाए इन स्थिति में खेल तो हो सकता है लेकिन फुटबॉल का खेल एक लक्ष्यहीनता की ओर बढ़ जाएगा। हर व्यक्ति का अपना संकल्प होता है कुछ अपने सपने होते हैं और कुछ उनको पाने का अपना एक निश्चय होता है लक्ष्य निर्धारण के माध्यम से हम लोग लक्ष प्राप्ति का एक निश्चित कार्यक्रम बना लेते हैं जिससे हमारी मंज़िल हमें शीघ्र ही मिल जाती है।

उन्होंने गोल सेटिंग हित यह लक्ष्य निर्धारण करने हेतु बताया कि आपकी गोल्स स्मार्ट होनी चाहिए। यदि लक्ष्य को एक समयबद्ध सीमा में नहीं प्राप्त किये नहीं प्राप्त किया गया तो लक्ष्य महत्वहीन हो जाएंगे और लक्ष्य निर्धारण का कोई औचित्य नहीं रह जाएगाे सभा के अंत में समस्त प्रतिभागियों ने जिज्ञासावश अपने प्रश्नों को पूछा तथा प्रशिक्षकों ने उनका उचित उत्तर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रायला चेयरमेन ललित सक्सेना ने की; जबकि मंडल अध्यक्ष दिनेश चंद्र शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया था।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से रोटरी गवर्नर मुकेश सिंघल, लालेश सक्सेना एवम् फिजिकल रूप से मथुरा रोटरी सेंटल के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल, सचिव अजित अग्रवाल, रायला मथुरा के है हेड नीरव निमेष, टेक्निकल इंचार्ज नीलेश टेंटीवाला, के डी अग्रवाल, अध्यक्ष इलेक्टेड अशोक अग्रवाल, आईपीपी दीपक गोयल, योगेंद्र गोयल, बीबी कालरा, प्रशांत माहेश्वरी, नरेश वर्मन एवम् अंकुर कुलश्रेष्ठ मौजूद थे

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