गोल्डी श्रीवास्तव
कासगंज। देश और समाज की एक ही नहीं, कई रुपों में सेवा करने वाली वसु यादव मंगलवार को जिंदगी की जंग हार गई। उनका दिल्ली के अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया। हर किसी की आखेंं नम हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष वसु यादव नेक दिल अच्छे और उच्च विचारधारा की नेत्री थीं। 35 वर्ष तक अपनी अलग पहचान छोड़ कर दुनिया को अलविदा कहने वाली वसु यादव पू्र्व सांसद एवं सपा के जिलाध्यक्ष डा. कुंवर देवेंद्र सिंह यादव की सबसे छोटी बेटी थी।
2006 में हुई थी परमजीत के साथ शादी
अपने पिता की खुशी के लिए प्रदेश स्तर की निशानेबाज खिलाड़ी रही वसु यादव ने राजनीति में कदम रखा और पिता की विरासत को आगे बढाया। कांसगज जिले की शान कही जाने वाली वसु की शादी 2006 में दिल्ली निवासी परमजीत सिंह यादव के साथ हुई थी। परमजीत सिंह यादव पेशे से इंटीरियर डिजाइनर हैं।
वसु यादव अपने पिता सपा जिलाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कुंवर डॉ. देवेन्द्र सिंह यादव की तीसरे नंबर की पुत्री थीं। यह पांच बहनें हैं। इनमें से वसु की सबसे एक बड़ी बहन तनु यादव सोरों की ब्लॉक प्रमुख थी। इनके जीजा पंधारी सिंह यादव प्रमुख सचिव थे। वसु यादव प्रदेश स्तर की निशानेबाज थी। निशानेबाजी में कई खिताब वसु ने अपने नाम किए।
सन 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद जब नियो न्यूज ने साक्षात्कार किया था तो एक बड़ी बात समाज और देश के लिए कही थी। वह यह थी कि विकास और सरकार की प्रत्येक योजनाएं समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति पर पहुंचनी चाहिए। तभी देश का विकास सही मायने में संभव हैं।
2010 में सभाली पिता की राजनीतिक विरासत
वसु यादव ने पिता की राजनीतिक विरासत सभालते हुए के लिए 2010 में राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा और पहली बार गांव बरबारा से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव भारी मतों से जीतकर सोरों की ब्लाक प्रमुख बनी। बाद में वह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लडकर 2016 में समाजवादी पार्टी की सबसे कम उम्र में वसु यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया।
ऐसे बनी सबकी चहेती वसु
जिला पंचायत बनने के बाद उन्होंने जनपद भर में अपनी अलग छाप छोड़ि और सबके दिलो में वास कर सबकी चहेती बनी, इसके उपरांत वह अपने पिता देवेंद्र सिंह यादव, मां की सबसे छोटी बेटी होने के नाते लाडली रही, लेकिन भगवान को यह सब नामंजूर था और वह इसी बीच घातक बीमारी से ग्रेसित होती चली गई। उन्होंने इस बीमारी से काफी संघर्ष किया और कई बार मौत को ठोकर देकर स्वस्थ भी हुई। उनका इलाज दिल्ली के मैक्स हास्पिटल में चल रहा था। लम्बी बीमारी से संघर्ष कर आज मंगलवार की सुबह जिंदगी की आखिरी जंग हार गई।
मौत की खबर सुनकर हर आंख हुई नम
जिला पंचायत अध्यक्ष वसु यादव की लंबी बीमारी के चलते मौत की खबर जनपद में आग की तरह फैल गई। सोसल मीडिया लोगों ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। हर कोई बलराम गेट स्थित उनकी कोठी की ओर दौड़ पड़ा। इस घटना का दुखद बताया उनका कहना था कि वशु यादव के निधन से जनपद को भारी क्षति हुई है।
बरबारा स्थित समाधि स्थल पर होगा अंतिम संस्कार
कासगंज जनपद के सोरों कोतवाली क्षेत्र के पैत्रक गांव बरबारा स्थित वसु यादव का अंतिम संस्कार बुधवार दोपहर 01 बजे के तकरीबन किया जायेगा। यहीं वसु की मां उर्मिला देवी की समाधि स्थित है। पिछले माह 26 दिसंबर को वसु और उनके पूरे परिवार को अपनी मां को श्रृद्धांजलि दी थी।
वसु अपने पिता के लिए किसी होनहार बेटे से कम नहीं
यह तस्वीर पिता और पुत्री की नहीं बल्कि एक ऐसी बेटी की है जो अपने पिता की भावनाओं के अनुरूप उन्हें हर खुशी देने के लिए उनके हर फैसले को सहर्ष स्वीकार करती रहीं। वसु यादव से मैं चुनाव के दौरान कई बार मिला जब वे 2012 में कासगंज पटियाली विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही थी। कुंवर देवेंद्र सिंह यादव की बेटी वसु निश्चित तौर पर अपने पिता के लिए किसी बेटे से कम नहीं थीं, क्योंकि गांव के प्रधान से लेकर लोकसभा सांसद तक का सफर तय करने वाले कुंवर देवेंद्र सिंह यादव की सियासी विरासत को आगे ले जाने का सपना उनकी छोटी बेटी वसु यादव ने पूरा किया।
कुंवर देवेंद्र सिंह यादव ने अपनी सियासी विरासत का कर्णधार बनाने की शुरुआत लगभग एक दशक पहले से कर दी थी पहले विधान सभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया और जब चुनाव हार गईं तब उन्हें कासगंज जिला पंचायत का सदस्य का चुनाव लड़ाया और फिर जिलापंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़कर अध्यक्ष बनीं ।