Thursday, May 9, 2024
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एक साल बाद अपने पैरों खड़ी हो सकी 85 साल की रामवती


के.डी. हास्पिटल के चिकित्सकों ने रामवती और बच्चू सिंह के कूल्हे किए प्रत्यारोपित


मथुरा। कूल्हे की चोट इंसान को बिस्तर में लिटा देती है। वह कभी न खड़े हो पाने की चिन्ता में हर पल घुट-घुटकर जीता है। कुछ ऐसी ही स्थिति थी 85 वर्षीय वृद्धा रामवती और शेरगढ़ निवासी बच्चू सिंह की। के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के हड्डी रोग विशेषज्ञों की टीम ने हताश-निराश रामवती और बच्चू सिंह के कूल्हे प्रत्यारोपित कर उनके चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है। अब दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने पैरों से चल-फिर पा रहे हैं।

रामवती व बच्चू सिंह के साथ दांए से डा. हर्षित जैन, डा. एच.सी. तालान और डा. हेमराज सैनी व डा. आनंद गुप्ता।


ज्ञातव्य है कि एक साल पहले रामवती के गिर जाने से उनका कूल्हा टूट गया था। आर्थिक परेशानी और कोरोना संक्रमण के चलते वह पिछले एक साल से बिस्तर पर ही पड़ी रहीं। वृद्धा रामवती की परेशानी को देखते हुए जनवरी माह में उनके परिजनों ने उन्हें कई बड़े चिकित्सालयों में विशेषज्ञों को दिखाया लेकिन उम्र और वजन अधिक होने के चलते किसी ने भी कूल्हा प्रत्यारोपण की कोशिश नहीं की। आखिरकार निराश परिजन उनका इलाज कराने के लिए के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. हर्षित जैन से मिले।

डा. जैन ने वृद्धा रामवती की विभिन्न जांचों का अवलोकन करने के बाद परिजनों को कूल्हा प्रत्यारोपण की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद डा. एच.सी. तालान, डा. हर्षित जैन, डा. हेमराज सैनी, डा. आनंद गुप्ता और निश्चेतना विशेषज्ञ डा. जयेश व टेक्नीशियन पवन, नीरज, प्रदीप, राहुल तथा गोविन्दा की टीम द्वारा वृद्धा रामवती का कूल्हा प्रत्यारोपित किया गया। डा. हर्षित जैन का कहना है कि वृद्धा रामवती का इंटरट्रोकेटिक फ्रेक्चर था, जिसे एक साल बाद किसी छड़ या प्लेट से सर्जरी कर जोड़ना कठिन था। इस स्थिति में पूर्ण कूल्हा बदलना ही सही विकल्प था। के.डी. हास्पिटल में सभी सुविधाएं होने के चलते न केवल कूल्हा प्रत्यारोपित किया जा सका बल्कि वृद्धा रामवती अगले ही दिन से अपने पैरों पर खड़ी हो सकी।

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डा. हेमराज सैनी का कहना है कि रामवती की उम्र और अधिक वजन के चलते सर्जरी काफी जटिल थी। डा. एच.सी. तालान का कहना है कि के.डी. हास्पिटल में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं होने के चलते यहां कूल्हा प्रत्यारोपण सहजता और सुरक्षित तरीके से हो पा रहे हैं। शेरगढ़ निवासी बच्चू सिंह की जहां तक बात है, उनके कूल्हे में गलाव आ गया था। सर्जरी के बाद बच्चू सिंह भी अब पूर्णतः स्वस्थ हैं तथा दर्दरहित अपने दैनिक कार्य कर पा रहे हैं।

आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डा. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन डा. रामकुमार अशोका ने वृद्धा रामवती और बच्चू सिंह की सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी तथा इसी तरह जन सामान्य का बेहतर से बेहतर इलाज करने का आह्वान किया।

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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Sunday, 28 February 2021
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