Saturday, May 4, 2024
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वृंदावन कुंभ से संतों ने किया श्रीकृष्ण जन्म स्थान मुक्ति का शंखनाद

वृंदावन। ब्राह्मण सेवा संघ के कुंभ मेला शिविर में धर्म रक्षा संघ के समन्वयन में राष्ट्रीय धर्म संसद में संत महंतों ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर हो रहे अवैध कब्जों को मुक्त कराने की मांग उठी। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्म स्थान के स्थान पर हो रहे निर्माण को हटाया जाए और मंदिर को भव्य बनाया जाए। यह कार्य राम मंदिर निर्माण होने से पहले होना चाहिए। धर्म संसद की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज ने की।


धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने सभी संतों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की मुक्ति के लिए हमें संकल्पित होना है। जल्द ही श्री कृष्ण जन्म भूमि को मुक्त कराना है। महामंडलेश्वर स्वामी राम कमल दास वेदांती ने कहा अब राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बने उससे पहले ही हमें श्री कृष्ण जन्मस्थान मुक्त कराना है। हम अब और इंतजार नहीं कर सकते। महंत सुतीक्ष्ण दास महाराज ने कहा कि आज वृंदावन के यमुना तट पर कुंभ के पावन अवसर पर कृष्ण जन्मस्थान की मुक्ति का संतों द्वारा उद्घोष किया गया है जो कि एक ऐतिहासिक घटना है। वृंदावन की कुंभ का श्री कृष्ण जन्मस्थान मुक्ति का संदेश विश्व के मानस पटल पर छा जाएगा।

कार्यक्रम के संयोजक काष्र्णि नागेंद्र महाराज ने कहा कि वृंदावन के कुंभ से लिए गए श्री कृष्ण जन्मस्थान मुक्ति के उद्घोष पर हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में सभी राष्ट्रीय संतो द्वारा मुहर लगाई जाएगी। रमाकांत गोस्वामी ने कहा कि बृजवासी अब श्री कृष्ण जन्मभूमि के मुक्त कराने को हर प्रकार से तैयार हैं। पीपा देवाचार्य बलराम बाबा ने कहा कि यमुना शुद्धिकरण की बातें बहुत होती है मगर कोई भी सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष एवं याचिकाकर्ता महेंद्र सिंह ने श्री कृष्ण जन्मभूमि केस के बारे में संपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि इस केस में सारे साक्ष्य हिंदुओं के पक्ष में है। अत: बहुत जल्द हम श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मुक्त कराकर भव्य मंदिर बनाएंगे। महामंडलेश्वर श्री कृष्णानंद ने कहा कि हिंदुओं को संगठित होने की आवश्यकता है तभी श्री कृष्ण जन्मस्थान की मुक्ति होगी ।

महामंडलेश्वर योगी नवल गिरी ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में आज राम जन्मभूमि आंदोलन सफल हुआ अब कृष्ण जन्मस्थान भी संतों के प्रयासों से मुक्त होगा। महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद ने कहा कि हिंदुओं की कमजोरी के कारण ही आक्रांताओं ने मंदिर तोड़े अब हमें भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है जिससे हमें अपने धर्म स्थानों को पुन: प्राप्त करने के लिए आंदोलन की आवश्यकता ही नहीं पड़े । पाणीनी संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति पंडित डॉ मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, अनुराग कृष्ण कन्हैया, मारुति नंदन आचार्य आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सारस्वत सभा के अध्यक्ष बिहारी लाल शास्त्री एवं ब्राह्मण सेवा संघ के पदाधिकारियों ने पधारे हुए सभी संतो को स्मृति चिन्ह भेंट किये। नागेंद्र काष्र्णि महाराज ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।


कार्यक्रम में महंत मोहिनी बिहारी शरण, अधिकारी गुरुजी, अमित भारद्वाज,श्यामसुंदर बृजवासी रविकांत गौतम,शशि शुक्ला,हिंदू महासभा के अध्यक्ष छाया गौतम,जगदीश नीलम,सत्यभान शर्मा श्री हरिवंश,चंद्र लाल शर्मा,लाला व्यास,अरविंद पांडे,कमल पांडे,आदित्य शर्मा,युगल किशोर कटारे,अशोक व्यास,विपिन बापू,रविशंकर बबेले मनु दत्त गौड़ आदि उपस्थित थे। संचालन ब्राह्मण सेवा संघ के अध्यक्ष आनंद बल्लभ गोस्वामी ने किया।

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