Thursday, May 2, 2024
Homeन्यूज़न्यूज़जीएलए के विधि संस्थान में लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल के प्रोफेसर का व्याख्यान

जीएलए के विधि संस्थान में लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल के प्रोफेसर का व्याख्यान

जीएलए विधि संस्थान के छात्रों ने जाने जटिल समस्याओं के समाधान और विधि के अन्र्तउपागम दृष्टिकोण

मथुरा। जीएलए विष्वविद्यालय, मथुरा के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एवं रिसर्च संस्थान में ‘लॉ लॉयर्स एवं सोसायटी‘ विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल के एसोसिएट प्रो. डॉ. वीरपाल सिंह ने समाज में उभरती जटिल समस्याओं के समाधान और विधि के अन्र्तउपागम दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी।

अतिथि व्याख्यान के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि विधि का निर्माण सामाजिक संदर्भ में होना चाहिए, जिससे समाज में उभरती जटिल समस्याओं का समाधान हो सके। विधि के अध्ययन में अन्र्तउपागम दृष्टिकोण (इन्टर डिसिप्लेन अप्रोच) के अधिक महत्व को उदाहरण के माध्यम से बताते हुए कहा कि समाजशास्त्र का अध्ययन विधि को समझने में बहुत प्रासंगिक है। समाजशास्त्र छात्रों को समाज के सैद्धांतिक एवं गतिशील पहलू को स्पष्ट करता है, जो कि विधि को एक सारगर्भित आधार प्रदान करता है।


उन्होंने सबरीमाला केस को उल्लेखित करते हुए कहा कि किस तरह से देश की न्यायपालिका समाज को बदलने के लिए महत्वपूर्ण एवं निर्णायक निर्णय देती है, जिससे समाज परम्परा को आधुनिकता प्रदान करता है। उक्त विषय पर डॉ. सिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका में लायर्स फर्म विकेन्द्रित है, अर्थात देश के प्रत्येक कोने में समाज के विविध आयामों पर केन्द्रित है, लेकिन भारत में इसकी तस्वीर विपरीत है। हमारे यहां लॉ फर्म देश के मेट्रो पॉलिटन सिटी (बडे़ शहर/राज्य) में केन्द्रित है, जो कि परंपरागत विषयों पर आधारित है। भारतीय समाज के विविध आयामों को लेकर वह संवेदनषील है। अत: भारतीय उपमहाद्वीप के कोने-कोने में लॉ फर्म एवं लीगल क्लीनिक विकसित होने चाहिए, जिससे समाज के सापेक्ष अपनी सेवाएं दे सकें।


कार्यक्रम का संचालन विधि संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं कार्यक्रम कॉर्डिनेटर इन्द्र कुमार सिंह ने किया। साथ ही अतिथि वक्ताओं का भी आभार व्यक्त किया। विधि संस्थान के डीन प्रो. अविनाश दाधीच ने अतिथि व्याख्यान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि व्याख्यान में छात्रों ने परंपरागत तरीके से विधि के विभिन्न पहलुओं को नजदीकी से जानने का प्रयास किया है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments