अब तक आपने ए, बी, ओ, एब निगेटिव-पॉजिटिव जैसे कई ब्लड ग्रुप के बारे में पढ़ा और सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि एक और ब्लड ग्रुप है जो पूरी दुनिया में बहुत ही कम लोगों के पास पाया जाता है और उसकी डिमांड भी उतनी ही ज्यादा होती है। दरअसल हम जिस ब्लड ग्रुप के बारे में बात कर रहे हैं उसे दुनिया का सबसे रेयर ब्लड ग्रुप माना जाता है और इस ग्रुप को गोल्डन ब्लड ग्रुप और आरएच नल (Rh null) के नाम से पहचाना जाता है।
गोल्डन ग्रुप सुनकर ही किसी खास चीज का अहसास होता है। यह ग्रुप दुनिया में बहुत कम लोगों का होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे रेयर होने की वजह से शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने इसे गोल्डन ब्लड नाम दिया है। रेयरेस्ट होने और किसी भी ब्लड ग्रुप को चढ़ाए जा सकने की वजह से ये खून बेशकीमती होता है। तो आइए एक बार इस ब्लड ग्रुप के बारे में डिटेल में जानते हैं।
क्या है गोल्डन ब्लड ग्रुप की खासियत ?
यूएस रेयर डिसीज इन्फॉर्मेशन सेंटर के मुताबिक गोल्डन ब्लड ग्रुप/आरएच नल एंटीजन से मुक्त होता है। इसलिए जिन लोगों के शरीर में ये खून होता है उन्हें एनीमिया की शिकायत हो सकती है। यही वजह है कि ऐसे लोगों की जानकारी होते ही डॉक्टर्स उन्हें डाइट पर खास ध्यान देने और आयरन वाली चीजें ज्यादा से ज्यादा लेने की सलाह देते हैं. ऐसे में इस खून को ‘गोल्डन ब्लड’ कहा जाता है।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें किसी भी तरह का एंटीजन नहीं पाया जाता। कहने का मतलब है कि ये खून किसी भी ब्लड ग्रुप को चढ़ाया जाए तो शरीर उसे स्वीकार कर लेता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक रिसर्च के मुताबिक यह अब तक 43 लोगों में ही पाया गया है। इनमें ब्राज़ील, कोलंबिया, जापान, आयरलैंड और अमरीका के लोग शामिल हैं। रेयरेस्ट होने और सेम ब्लड ग्रुप को ही स्वीकार कर पाने की वजह से डॉक्टर इन लोगों को लगातार ब्लड डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर ये खून उन्हीं के काम आ सके।