Saturday, April 20, 2024
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गुणवत्ता-परक शिक्षा के डंके बजा रहा जीएलए : नीरज

जीएलए के छात्रों को मिल रहे उच्चतम पैकेज पर नौकरी के अवसर

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा 1998 से आज वर्ष 2021 में 23 वर्ष बाद भी अपने आपको पूर्णतः उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रखे हुआ है। सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शुमार होने के साथ-साथ पूरे भारत में अपनी गुणवत्ता परक शिक्षा के डंके बजा रहा है। बीते समय में कुछ 100 का परिवार आज कई हजार में तब्दील हो गया है।

विश्वविद्यालय में 12 हजार के आसपास छात्र-छात्राएं भारत के 20 से भी ज्यादा राज्यों से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक लंबी फेहरिस्त शिक्षकों की भी है, जिनमें से बहुत आईआईटी और एनआईटी से अपनी शिक्षा पूर्ण कर छात्रों को शिक्षा-दीक्षा प्रदान कर रहे हैं। जीएलए पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में अपने सर्वोच्च प्लेसमेंट के लिए जाना जाता है। पिछले कई वर्षों में छात्रों को सिर्फ नौकरियां ही नहीं, बल्कि उच्चतम पैकेज पर नौकरियों के लिए 500 से भी ज्यादा कंपनीज अवसर प्रदान कर रही हैं।


अगर प्लेसमेंट पर जोर दिया जाय तो यह जानकर छात्रों को बेहद ख़ुशी है कि जिस विश्वविद्यालय पर पिछले दो दशकों में भरोसा किया है, आज उसी संस्थान के 75 प्रतिशत से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं 32, 28, 25 और 22 लाख से अधिक के पैकेज सहित एक्सेंचर, आईबीम, अमेजॉन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी विश्व की नामचीन कंपनियों में जीएलए का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की बात हो या उनके स्वच्छता अभियान के सपने को पूर्ण करने की हो, जीएलए और सभी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं कांधे से कांधा मिलाकर प्रगति के पथ पर अग्रसारित हैं।

विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति पर प्रकाश डालते हुए जीएलए विश्वविद्यालय के सीईओ नीरज अग्रवाल कहते हैं कि 50 से भी ज्यादा स्टार्टअप पर आज जीएलए के छात्र कार्य कर रहे हैं। बेहद प्रसन्नता की बात यह है कि रिसर्च और इनोवेशन के सपने को भी पूर्ण करने में जीएलए के शिक्षक और छात्र दिन-रात एक कर रहे हैं। आज 300 से भी ज्यादा पेटेंट पब्लिश और 20 से भी ज्यादा पेटेंट ग्रांट होना इस बात का जीता-जागता सबूत है, लेकिन जीएलए को यहां तक लाने में जिनका सबसे बडा योगदान रहा है, वह छात्र और अभिभावकों का है। अगर छात्र और अभिभावकों ने 23 वर्षों में जीएलए पर अटूट विश्वास न किया होता तो शायद जीएलए की यह सफलता अधूरी रहती।

सीईओ ने कहा कि कुलाधिपति नायरायण दास अग्रवाल की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय परिवार संस्थान को भारत के सर्वश्रेष्ठ संस्थान में लाने के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। एक विश्वास के साथ उन्होंने आश्वस्त होते हुए कहा कि अगले 5 वर्षों में जीएलए शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम उंचाईयों पर होगा, जो कि सभी के लिए बहुत ही गौरव की बात होगी।

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