मथुरा। रविवार शाम को मगोर्रा थाने में तैनात एक दरोगा को भरतपुर के समीप तरगवां गांव में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 30 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। एसीबी द्वारा दरोगा के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक मगोर्रा थाने में तैनात दरोगा पे्रमपाल ने थाने में दहेज प्रकरण मामले में धारा हटाने की एवज में एक लाख रुपए की मांग की थी। जबकि इस मामले में प्रतिवादी की पत्नी ने बाद में मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने का प्रार्थना पत्र दरोगा को दिया था, लेकिन वह दरोगा द्वारा केस को रफादफा करने के लिए एवज में मांगी गई रकम न देने पर कार्रवाई करने पर अड़ गया। शिकायतकर्ता भीलवाडा जिले में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है। उसकी पत्नी ने दहेज प्रकरण का मामला दर्ज कराया था।
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के सीओ परमेश्वरलाल ने बताया कि परिवादी राजवीर सिंह पुत्र मुरारी लाल जाट निवासी गांव तरगवां भुसावर ने परिवाद में बताया कि उसकी पत्नी मिथलेश ने मथुरा जिले के मर्गोरा थाने में इस साल दहेज प्रकरण का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने मुकदमा धारा 498ए, 323, 504 व 307 के तहत दर्ज किया था। बाद में परिवादी की पत्नी ने अपने पति राजवीर व ससुरालीजनों के खिलाफ दर्ज कराए मामले में कानूनी कार्रवाई न करने के लिए एसआई प्रेमपाल सिंह को प्रार्थना पत्र दिया था। लेकिन दरोगा प्रेमपाल ने पत्नी के प्रार्थना पत्र को दबा दिया।
दरोगा ने 22 जुलाई को उक्त मामले में धारा 307 हटाने व उसके दो भाइयों के नाम प्रकरण से हटाने की एवज में एक लाख रुपए की मांग की। जिस पर एसआई ने दस हजार रुपए एडवांस में ले लिए। शेष राशि 90 हजार रुपए उसने 30-30 हजार रुपए तीन किश्तों में मांगी। इस बीच परिवादी ने एसीबी ने शिकायत की। दरोगा पहली किश्त लेने उसके गांव पहुंचा और रिश्वत राशि लेकर उसने वर्दी की जेब में रख लिए। इशारा पाकर एसीबी ने कार्रवाई कर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया और रिश्वत राशि बरामद कर ली। एसीबी की टीम दरोगा से पूछताछ करने के साथ ही उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा रही है।