Wednesday, May 8, 2024
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जीएलए एमटेक के छात्रों ने तैयार किया ‘ड्रम ड्रायर प्रीहीटिंग प्लास्टिक स्क्रैप‘, पेटेंट ग्रांट


मथुरा। अभी तक कई इंडस्ट्रियों के माध्यम से स्कैप प्लास्टिक की अशुद्धियों को हटाने के लिए उसे धुलाई कर उसके टुकड़ों को धूप में सुखाया जाता था। बावजूद उसके कुछ नमी रह जाती थी, लेकिन जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा के एमटेक मैकेनिकल के छात्रों ने एक अद्भुत हीटिंग प्रोटोटाइप तैयार किया है। इसके माध्यम से स्क्रैप प्लास्टिक से शत-प्रतिशत नमी को खत्म करने का दावा किया है। इसका पेटेंट भी ग्रांट हो चुका है।


वर्तमान स्थिति में प्लास्टिक एक महत्तवपूर्ण भूमिका निभाती है। हम प्लास्टिक के बिना बनी हुई वस्तुओं की कल्पना भी नहीं कर सकते, लेकिन इस सत्य को भी नहीं नकारा जा सकता कि प्लास्टिक का अति उपयोग प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है। इसलिए कई इडस्ट्रियां स्क्रैप प्लास्टिक को रिसाइकलिंग करने में अहम भूमिका निभा रही हैं। रिसाइकलिंग करने के लिए स्क्रैप प्लास्टिक को सबसे पहले धोकर साफ किया जाता है। इसके बाद मशीन के माध्यम से उसके छोटे-छोटे 1⁄4महीन1⁄2 टुकडे़ किए जाते हैं।

इन टुकड़ों में से नमी यानि अशुद्धियों को खत्म करने के लिए धूप में सुखाया जाता है। अक्सर देखा गया है कि धूप में सूखने के बावजूद नमी रह जाती है। स्क्रैप प्लास्टिक से शत-प्रतिशत नमी को खत्म करने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के एमटेक मैकेनिकल के छात्र अनस इस्लाम और परवेज़ आलम ने “ए ड्रम ड्रायर फॉर ऑप्टीमल प्रीहीटिंग ऑफ़ प्लास्टिक स्क्रैप” प्रोटोटाइप तैयार किया।

छात्रों का दावा है कि इस प्रोटोटाइप में हीटिंग के माध्यम से शत -प्रतिशत प्लास्टिक की नमी खत्म की जा सकती है। छात्रों ने बताया कि वर्तमान में भी यह प्रोटोटाइप में ग्रांट होकर इंडस्टंी में उपयोग में भी लाया जा रहा है। इस प्रोटोटाइप को तैयार करने में प्रो. कमल शर्मा एवं डॉ. विजय कुमार द्विवेदी का अह्म योगदान रहा। साथ ही लैब असिस्टेंट रहे रोहित शर्मा का भी सहयोग रहा।

डीन रिसर्च प्रो. अनिरूद्ध प्रधान, विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूश सिंघल, एसोसिएट डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा और विभागीय एसोसिएट प्रो. डॉ. विजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि छात्रों द्वारा यह आविष्कार भविष्य में एमएसएमई क्षेत्र को भी गति देने में अह्म योगदान देगा। प्रोफेसरों ने कहा कि विभागीय छात्र प्रत्येक क्षेत्र में रिसर्च करने में अह्म योगदान दे रहे हैं। नवाचार के लिए छात्रों को प्रेरित किया जा रहा है।

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