Saturday, May 18, 2024
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के.डी. डेंटल कॉलेज में लैमिनेट्स-स्माइल डिजाइनिंग पर हुई कार्यशाला


लैमिनेट्स के प्रयोग में दिशा-निर्देशों का पालन जरूरीः डॉ. रोहित शेट्टी


मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में लैमिनेट्स के साथ स्माइल डिजाइनिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें देश के जाने-माने विशेषज्ञ दंत चिकित्सक डॉ. रोहित शेट्टी ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए उनके कृतित्व तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।


कार्यशाला के पहले दिन केएलई इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, बैंगलोर के एचओडी (प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग) प्रोफेसर (डॉ.) रोहित शेट्टी ने प्रेप टू प्लेस: पावर टू योर सिरेमिक रिस्टोरेशन विषय पर बोलते हुए कहा कि चूंकि सभी सिरेमिक क्राउन और वेनिर्स सबसे अच्छी सौंदर्य संबंधी पुनर्स्थापना सामग्रियों में से एक बन गए हैं, लिहाजा इनका प्रयोग करने में कौशल के साथ उचित दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है। डॉ. शेट्टी प्रोस्थोडॉन्टिस्ट तथा फिक्स्ड प्रोस्थेसिस और इम्प्लांटोलॉजी में विशेषज्ञ हैं।


कार्यशाला में डॉ. शेट्टी ने प्रतिभागियों को सभी-सिरेमिक प्रणालियों के साथ स्वीकार्य नैदानिक दीर्घकालिकता तथा लम्बे समय तक चलने वाले एस्थेटिक लाभों की जानकारी देने के साथ स्वस्थ दांतों की संरचना और संरक्षण को जरूरी बताया। उन्होंने मूल सिद्धांतों के माध्यम से लैमिनेट्स के लिए दांतों की तैयारी, इसके बाद जिंजिवल रिट्रेक्शन, इम्प्रेशन फॉर्मेशन प्रक्रियाओं के दौरान उत्पन्न होने वाली जटिलताओं से निपटने के उपाय भी बताए।


कार्यशाला में अस्थायीकरण और सीमेंटेशन तकनीक पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए वीडियो प्रदर्शन सत्र आयोजित किया गया। इसमें एक डेमो ट्यूटोरियल के माध्यम से छात्र-छात्राओं को मुस्कान डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर की जानकारी दी गई। कार्यशाला के दूसरे दिन डॉ. रोहित शेट्टी ने एक मरीज की मुस्कान और सौंदर्य में सुधार लाने के लिए लैमिनेट का लाइव प्रदर्शन किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को दांतों की तैयारी और अस्थायी मानकों में सुधार के उपाय सुझाए।


डॉ. शेट्टी द्वारा 30 छात्र-छात्राओं के लिए एक व्यावहारिक सत्र भी आयोजित किया, जिसमें उन्हें छोटे-छोटे पहलुओं की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. रोहित शेट्टी ने कार्यशाला में शामिल सभी 150 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। दो दिवसीय कार्यशाला को सभी विभागाध्यक्षों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं ने बहुत लाभकारी बताया।

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