Thursday, April 25, 2024
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सरला नारायण ट्रस्ट के वार्षिकोत्सव में कवियों ने रातभर बांधा समा, हुए सम्मानित

सिकंदराराऊ। कड़कड़ाती सर्दी और बरसात के मौसम में शनिवार की रात कवियों की कविताओं ने हुमैरा मैरिज होम के खूबसूरत सभागार में गर्माहट ला दीँ। सरला नारायण ट्रस्ट के सालाना आयोजन पूरी गरिमा के साथ संपन्न हुआ। यश भारती डॉ विष्णु सक्सेना द्वारा स्थापित सरला नारायण ट्रस्ट द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में डॉ सुमन दुबे तथा डॉ सोनरूपा विशाल को डॉ विष्णु सक्सेना गीत सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें 51000 सम्मान राशि अंग वस्त्र और सम्मान पत्र दिया गया प्रयास 2020 के विजेता विपिन वत्सल को रमा प्रेम राठी सम्मान तथा प्रयास 2021 के विजेता विद्या वैभव भारद्वाज को रमेश चौधरी सम्मान के तहत 11000 सम्मान राशि अंग वस्त्र तथा सम्मान चिन्ह प्रदान किया गया।


शिक्षक सम्मान के रूप में सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य रहे श्री तारेश अग्निहोत्री को विमला विश्वनाथ सहाय शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया। यह पूरा कार्यक्रम नगर के वरिष्ठ कवि स्वर्गीय श्री कृष्ण कांत देव गर्ग को समर्पित था इसलिए उनके परिवार के समस्त सदस्यों का शाल और फूल मालाओं से स्वागत किया गया कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अध्यक्ष सोम ठाकुर, मुख्य अतिथि डॉ राजेंद्र पेंसिया उपाध्यक्ष आगरा विकास प्राधिकरण, समाजसेवी उदय पुंढीर एवं विशिष्ट अतिथि शहर कोतवाल थे इस पूरे कार्यक्रम का संचालन मुख्य ट्रस्टी सारांश सक्सेना ने किया तथा मुख्य सचिव चित्रांश सक्सेना ने वर्ष भर की गतिविधियों पर प्रकाश डाला
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका सुंदर संचालन सतीश मधुप ने किया। हाथरस से पधारे डॉ नितिन मिश्रा ने अपनी इन पंक्तियों से कवि सम्मेलन का आगाज किया
हमारी याद करके सिसकियों से काम लेती है ।


सुना है आजकल वो हिचकियों से काम लेती है
हमें मालूम है वो चाहती है देखना लेकिन
दरों को बन्द करके खिड़कियों से काम लेती है
सागवाड़ा राजस्थान के विपिन वत्सल ने अपनी रचना के माध्यम से बताया
सारे सागर को स्याही कर दे हम
शब्द सारे कलम को धर दे हम
प्यार क्या है बता नही सकते
चाहे अम्बर को लिख के भर दे हम


झारखंड के विद्या वैभव भारद्वाज ने अपनी पंक्तियों से सबको सोचने पर मजबूर कर दिया।


ज़िंदगी खूबसूरत हुई जब से ये दास्तां हो गयी
उनसे मिलकर लगा एकपल हर खुशी मेहरबां हो गयी
जो जवानी में थे सोंचते लड़कियाँ खेल की चीज़ हैं
आज खुद से ही डरने लगे बेटियाँ जब जवां हो गयीं


औरैया से पधारे श्री अजय अंजाम की इन दिनों की चर्चित कविता चेतक को उन्होंने सुनाया तो सबसे रोंगटे खड़े हो गए पूरा सभागार जोश में भर कर तालियां बजाने पर मजबूर हो गया।


बस एक प्रार्थना है स्वामी दुश्मन का सिद्ध षड्यंत्र न हो
जब तक चेतक की याद रहे मेवाड़ मेरा परतंत्र न हो
चेतक तेरी सौगंध मुझे दुश्मन का नाम नहीं होगा
जब तक यह राणा जिंदा है मेवाड़ गुलाम नहीं होगा


सोनरूपा विशाल ने प्यार के महत्व को कुछ इस तरह समझाया।


जो मिला ही नहीं वो खोता क्या
कोई बंजर ज़मी पे बोता क्या
प्यार है तो है ये जहां क़ायम
प्यार होता नहीं तो होता क्या


संचालक श्री सतीश मधु अपने आज अपने श्रेष्ठ काव्य पाठ में श्रोताओं की आंखें भी होती उनकी बेटी की रचना ने पूरा माहौल का रोहित कर दिया।


ये धरा अब राजधानी बन गयी शैतान की।
जान की रक्षा स्वयं ही कीजिये हे जानकी।।


सुमन दुबे ने अपनी परिचय की पंक्तियां सुना कर पूरे माहौल को गीत में बना दिया।


दर्द का दिल में कोई रतन रख लिया
गीत गा गा के दुनिया का मन रख लिया
इस कदर हमको कांटे चुभोए गए
नाम हमने भी अपना सुमन रख लिया।


ग्वालियर से पधारे व्यंग के कवि श्री तेज नारायण शर्मा बेचैन ने अपने चुटकुले अंदाज से सबको गुदगुदा कर माहौल खुशनुमा कर दिया। लगभग 40 मिनट के काव्य पाठ में वह श्रोताओं से पूरी तरह जुड़े रहे। अंत में गीत ऋषि श्री सोम ठाकुर जी ने अपनी प्रतिनिधि कविता सुना कर पूरे कवि सम्मेलन को गौरवमई बना दिया उन्होंने पड़ा।


सागर गगन पखारे गंगा शीश चढ़ावे नीत मेरे भारत की माटी है चंदन और अबीर


अंत में डा.विष्णु सक्सेना ने सभी का आभार व्यक्त किया। सुबह से बारिश होने के कारण खराब मौसम तथा भीषण ठंड में भी श्रोताओं का आकर हॉल को खचाखच भर देना और अंत तक डटे रहना यह कविता की ताकत को प्रमाणित कर रहा था श्री हाजी उम्र श्री विपिन वाष्र्णेय विजय भारत डॉ अरविंद सारस्वत भगवान दास गुप्ता भद्र पाल सिंह सच्चिदानंद जी डॉ विजय प्रकाश मुकुल गुप्ता सूरज बारिश ने पंकज राठी संजीव माहेश्वरी तरुण माहेश्वरी गौरी शंकर गुप्ता मीरा माहेश्वरी अनिल प्रताप रानू पंडित देवेंद्र दीक्षित स्कूल सहित समस्त स्थानीय कवि एवं शायर और शहर के अनेक संगठनों के गणमान्य व्यक्ति पूरी तरह कविताओं का आनंद लेते रहे।

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