Sunday, May 19, 2024
Homeशिक्षा जगतइंटर स्कूली शिक्षकों ने देखीं जीएलए की आधुनिक लैब्स

इंटर स्कूली शिक्षकों ने देखीं जीएलए की आधुनिक लैब्स


जीएलए में आयोजित एडवांस बायोटेक्नोलाॅजी टेक्निक एन इनसाइट कार्यशाला में पहुंचे इंटर स्कूली शिक्षक

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के बायोटेक्नोलाॅजी विभाग में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में आगरा-मथुरा-अलीगढ़ के विद्यालयों इंटर स्कूली शिक्षकों ने प्रतिभाग किया और विभाग में स्थापित आधुनिक प्रयोगशालाओं का भ्रमण कर प्रोफेसरों से विभिन्न तकनीकी जानकारी ली।

एडवांस बायोटेक्नोलाॅजी टेक्निक एन इनसाइट विषय पर आयोजित कार्यशाला में ज्ञानदीप शिक्षा भारती, रतनलाल फूल कटोरी, केएमपीएस, डीपीएस, सरस्वती विद्या मंदिर, चंपा अग्रवाल, केन्द्रीय विद्यालय बाद, केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी, श्रीजी बाबा सरस्वती, एमडी जैन, पीडीडीएसवीएम आदि स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाचार्य शामिल हुए। सभी शिक्षक और प्रधानाचार्यों ने बायोटेक विभाग की लैब एडवांस रिसर्च लैबोरेटरी, कम्प्यूटर साइंस बायोइंफोरमेटिक्स, बायोटेक्नोलाॅजी एण्ड मोलक्यूलर बायोलाॅजी लैबोरेटरी, माइक्रोबायोलाॅजी, लैब, प्लांट बायोटेक्नोलाॅजी लैब आदि लैबों का भ्रमण किया।

इस दौरान विभागीय डाॅ. जगदीप सिंह सोहल, डाॅ. विशाल त्रिपाठी और डाॅ. सौरभ गुप्ता ने डीएनए आइशोलेशन तथा एग्रोज जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस तकनीक के बारे में जानकारी दी। डाॅ. प्रदीप चैधरी और डाॅ. माया दत्त जोशी ने एसेंशियल आयल एक्सरेक्शन तकनीक पर प्रयोग करके दिखाया। डाॅ. कुंदन चौबे और डाॅ. हिमांशु गुप्ता ने रियल टाइम पीसीआर के बारे में बताया। डाॅ. गौरव पंत ने एंटी माइक्रोवियल एक्टिविटी के बारे मंे प्रयोगात्मक तरीके से जानकारी दी। डाॅ. रूही और अनुजा मिश्रा ने बायोइंफोरमेटिक्स में प्रयोग होने वाले सर्वर, टूल्स और डाटा बेसिस के बारे में बताया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए विशविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि विज्ञान का उपयोग विकास और दैनिक जीवन की कठिनाइयों को दूर कर जीवन को सरल बनाने के लिए करना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से विज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने की सलाह देते हुए कहा कि विज्ञान को स्थानीय परिवेश और संसाधनों से जोड़कर समाज के बीच पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को आधुनिक प्रयोगशालाओं और बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों में किए जाने वाले शोध का विषय ही नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि यह सोचना चाहिए कि यह आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार का जरिया कैसे बन सकता है।

विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय संसाधनों के आधार पर भी शोध हो सकते हैं। विज्ञान के बारे में प्रयोगात्मक विधि से छात्र-छात्राओं को मानव शरीर के अंगों की जानकारी देते हुए शरीर को स्वस्थ और तनावमुक्त रखने के गुर भी बताए। उन्होंने विभाग की उपलब्धि के बारे मंे जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के डीबीटी, डीएसटी एवं एनआरडीसी विभाग द्वारा कई प्रोजेक्टों पर काम करने लिए जिम्मेदारी दी है। जिनमें से 5 प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। 2 प्रोजेक्टों के लिए हाल ही अप्रूवल मिला है।

बायोटेक लैबांे का भ्रमण कर ज्ञानदीप षिक्षा भारती के संदीप कुलश्रेश्ठ ने कहा कि जीएलए विष्वविद्यालय के बायोटेक विभाग द्वारा आयोजित कार्यषाला के दौरान आधुनिक लैबों का भ्रमण करने का अवसर मिला। यहां की लैब उच्चस्तरीय हैं। इसके अलावा लैबों प्रयोगात्मक तौर पर विज्ञान की महत्वता के बारे में जानकारी मिली, जो कि विभागीय प्रोफेसरों द्वारा प्रत्येक तकनीक कार्य कर दी गयी। इस जानकारी को इंटर स्कूली छात्रों तक पहुंचाया जायेगा। जिससे स्कूली छात्रों को विज्ञान की महत्वता का पता लग सके।

कार्यक्रम की षुरूआत से पूर्व प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, विभागाध्यक्ष प्रो. षूरवीर सिंह, समस्त स्कूलांे से आये षिक्षकों एवं विभागीय प्रोफेसरों मां सरस्वती एवं प्रेरणास्त्रोत श्री गणेषी लाल अग्रवाल के चित्रपट के समक्ष दीप प्रजजवलित कर किया। कार्यक्रम मंे आये हुए सभी स्कूली षिक्षकों और प्राचार्यों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह् भेंट किया। कार्यक्रम विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. अंजना गोयल और अस्टिेंट प्रोफेसर डाॅ. विषाल खंडेलवाल के दिषा-निर्देषन में संपन्न हुआ।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments