आगरा। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स, प्रिवेंटिव एंड इंटेलीजेंसस सेल की दूसरे दिन भी कार्रवाई रही। शनिवार को पांच मेडिकल स्टोरों पर छापा मारकर दवाओं की खरीद-बिक्री के बिल खंगाले गए। संचालकों को नोटिस देकर अलग-अलग तिथि में बिल दिल्ली कार्यालय में तलब किए हैं। दो दिन में 10 मेडिकल स्टोरों पर टीम ने जांच की है।
आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष शर्मा ने बताया कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स, प्रिवेंटिव एंड इंटेलीजेंसस सेल की टीम के विवेचक प्रवीण ढुल के नेतृत्व में फव्वारा स्थित जेवी फार्मा, द्वारिकाधीश मेडिकल स्टोर, लीलाधर मेडिकल स्टोर, अपना केमिस्ट और सिंध मेडिकल स्टोर पर जांच करने के लिए आई थी।
यहां पर साइकोट्रॉपिक ड्रग्स के बिल की जांच की है। इनसे पूछा गया है कि साइकोट्रॉपिक ड्रग्स दवाएं कहां बेची हैं, कंप्यूटर पर बिल भी देखे, सभी को नोटिस देकर अलग-अलग तारीख पर दवाओं की खरीद-बिक्री के बिल उपलब्ध कराने के लिए कहा है। यह कोसीकला में साइकोट्रॉपिक ड्रग्स प्रकरण की जांच करने के लिए आए थे।
ये मांगी है जानकारी
जीएसटी पंजीकरण, पैन कार्ड, फर्म का पंजीकरण प्रमाण पत्र ।
बीते दो साल के खरीद-बिक्री के बिल, एनडीपीएस दवाओं की बिक्री का लाइसेंस।
कोसीकलां की फर्म जीएम ट्रैडर्स और फर्म के बीच करार की कापी।
फर्म का खरीद आर्डर, ई-वे बिल, ट्रांसपोर्ट के लिए बिल्टी।
दवाओं के भुगतान के बैंक स्टेटमेंट।
कोसीकलां में छापे में मिले थे दवाओं के बिल
आगरा फार्मा एसोसिएशन के प्रवक्ता पुनीत कालरा ने बताया कि बीते साल अक्तूबर को कोसीकलां में जीएम टैडर्स पर नारकोटिक्स विभाग ने छापा मारा था। यहां पर साइकोट्रॉपिक ड्रग्स मिली थीं, इनकी खरीद के बिल आगरा के मेडिकल स्टोरों के मिले थे, इसकी जांच करने के लिए टीम आई है। करीब 38 से 40 दुकानों के बिल मिले हैं, इनसे चरणबद्ध टीम जांच कर रही है।
दवा एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बहस
आगरा जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा ने कहा कि नारकोटिक्स की टीम ने बिना पुलिस को आमद कराए और स्थानीय औषधि विभाग को संज्ञान में लिए जांच कर रही है, ये गलत है। टीम के अधिकारियों से कहा कि इससे गफलत की स्थिति बनती है और दवा व्यापारी आशंकित रहते हैं। इस पर उन्होंने आगे से इनका ख्याल रखने की बात कही।