मथुरा। ओवरलोडिंग के कारण अधिकतर दुर्घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसी समस्या के समाधान हेतु जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के पाॅलीटेक्निक संस्थान की लेक्चरर ने आधुनिक खोज की है। इसके लिए एक डिवाइस का आइडिया सुझाया है। लेक्चरर के इस आइडिया का पेटेंट पब्लिश हो गया है।
‘‘ओवरलोडिंग प्रोटेक्शन इन व्हीकल्स‘‘ पर जीएलए विश्वविद्यालय पाॅलीटेक्निक संस्थान की लेक्चरर अंजू उपाध्याय ने आधुनिक खोज करते हुए एक आइडिया सुझाते एक आधुनिक डिवाइस की खोज की है, जिसे भार सेंसर, रिले-आर्डिनो एवं इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (आईओटी) तकनीक की सहायता से तैयार किया है। यह डिवाइस किसी भी गाड़ी के स्टार्ट स्विच और सीट के नीचे लगे भार सेंसर से कनेक्ट होगी।
लेक्चरर अंजू उपाध्याय ने रिसर्च के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ‘‘ओवरलोडिंग प्रोटेक्शन इन व्हीकल्स‘‘ डिवाइस में एक ऐसा सर्किट लगा होगा, जो कई वर्षों तक कार्य करेगा तथा इसकी मेंटीनेंस कीमत भी लगभग शुन्य के बराबर होगी। साथ ही किसी व्हीकल्स की सीट और उसके स्टार्ट स्विच के साथ फिट के किए जाने और अतिरिक्त वजन होने के बाद व्हीकल स्टार्ट नहीं होगा। अगर व्हीकल स्टार्ट करना होगा तो उसमें से अतिरिक्त भार को हटाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि यह डिवाइस यातायात पुलिस के लिए अच्छी साबित होगी और चैकिंग के दौरान प्रत्येक गाड़ी को रोकने की जरूरत नहीं होगी।
डीन रिसोर्स जनरेशन एंड प्लानिंग डाॅ. दिवाकर भारद्वाज एवं प्रधानाचार्य डाॅ. विकास कुमार शर्मा ने बताया कि ओवरलोडिंग को लेकर सरकार भी कई कदम उठा चुकी है। इसके बावजूद वाहन चालक अतिरिक्त यात्री बिठा लेते हैं, जो कि नियमानुसार सही नहीं है। इसी को देखते हुए जीएलए पाॅलीटेक्निक संस्थान की लेक्चरर ने इस समाधान हेतु एक रिसर्च किया। काफी लंबे समय कार्य के बाद परिणाम निकला और पेटेंट पब्लिष कराया। डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने बताया कि पेटेंट पब्लिश होने के बाद अब इस डिवाइस पर आगे कार्य किया जायेगा और इस पेटेंट को ग्रांट कराने के बाद मांग के अनुसार डिवाइस मार्केट में लाने की कोशिश होगी। यह रिसर्च जीएलए के छात्रों को भी प्रेरित कर रहा है।