Thursday, May 2, 2024
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राजीव एकेडमी में सूक्ष्म शिक्षण पर हुई तीन दिवसीय कार्यशाला

  • बीएड प्रशिक्षुओं ने सूक्ष्म पाठ योजना का निर्माण किया


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के शिक्षा संकाय द्वारा तीन दिवसीय सूक्ष्म शिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बीएड प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को सूक्ष्म शिक्षण की बारीकियों से अवगत कराया गया। तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ पवन अग्रवाल द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।

इस अवसर पर निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने विद्यार्थियों को सूक्ष्म शिक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कक्षा कक्ष में शिक्षण के लिए प्रवेश से पूर्व सूक्ष्म शिक्षण की बारीकियों को जान लेना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर सूक्ष्म शिक्षण विशेषज्ञ और रिसोर्स परसन डॉ. बदरुद्दीन ने कहा कि सूक्ष्म शिक्षण आज से वर्षों पूर्व आरम्भ हुआ था। इसकी मदद से कक्षा-कक्ष में विद्यार्थियों को पढ़ाना सरल हो जाता है। सूक्ष्म शिक्षण के पाँच प्रमुख स्किल्स का वर्णन करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि बीएड के विद्यार्थियों के लिए ये पाँचों स्किल्स (कौशल) शिक्षण में निखार लाते हैं।


कार्यशाला में डॉ. रीना दुबे व डॉ. अवधेश अथैया ने प्रस्तावना कौशल, डॉ. प्रमोद वल्लभ गोस्वामी व मंजू गर्ग ने प्रश्नीकरण कौशल, डॉ. डी.बी. समाधिया एवं डॉ. अम्बिका उपाध्याय ने व्याख्या कौशल, डॉ. स्नेहलता चतुर्वेदी व डॉ. प्रीति बाला तिवारी ने श्यामपट कौशल तथा रविकांत ने पुनर्बलन कौशल के बारे में विस्तार से छात्र-छात्राओं को जानकारी दी। हीरेन्द्र सिंह ने टीएलएम (अधिगम सहायक सामग्री) के प्रयोग के तरीके बताए।


कार्यशाला में बीएड प्रशिक्षुओं कविता सिंह, प्रेरणा माथुर, जितेन्द्र सिंह, राधा गौतम, स्वप्निल चौहान, हेमलता, रुचि, खुशी, प्रिया आदि ने सूक्ष्म पाठ योजना का निर्माण किया। मुख्य अतिथि मोहम्मद जाहिद ने राजीव एकेडमी में बीएड कोर्स के साथ-साथ यहां के समस्त कोर्स में दिए जाने वाले शिक्षण को सर्वोत्तम बताया। उन्होंने बीएड कोर्स को समाज निर्माता बताया। कार्यक्रम का संचालन रामअवतार शर्मा और रविकांत ने किया।

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