Monday, May 6, 2024
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सकारात्मक सोचिए, सकारात्मक करिएः प्रो. त्रिपाठी


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में विशेष भ्रमण पर आये उत्तर प्रदेश स्टेट हायर एजूकेशन काउंसिल के चेयरमैन प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने विवि के शिक्षकों और विद्यार्थियों को सफलता के मंत्र बताए और कहा कि भारत के ऋषियों ने कठोर तपस्या और कठिन परिश्रम से जो ज्ञान और संस्कृति की स्थापना की वह संपूर्ण मानवता के हित में थी और विश्व के लिए कल्याणकारी है। यही कारण है कि भारत को जिसने समझा उसने विश्व गुरु का मान दिया।

उन्होंने अपने संबोधन में रामायण के चरित्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे देश ने इनसे जो संस्कार सीखे हैं वे आज तक कायम हैं। उन्होंने कहा कि किसी देश का निर्माण अचानक नहीं होता। देश का निर्माण सामर्थ्यवान, चरित्रवान और समर्पित राष्ट्रभक्त करते हैं। और ये सामर्थ्यवान, चरित्रवान और समर्पित नागरिक शिक्षा पाकर ही बनते हैं। वही राष्ट्र, व्यक्ति और समाज स्वतंत्र रह सकता है जो शिक्षा और ज्ञान से समृद्ध होता है। हमारे देश के ऋषियों ने अपने शरीर को प्रयोगशाला बनाया और प्रकृति के रहस्य व ज्ञान को वर्षों की मेहनत से जाना। संपूर्ण सृष्टि को समझा और संपूर्ण विश्व के बारे में सोचा। हमारी संस्कृति, समाज और परिवार जिस आधार पर खड़ा है वही ऋषियों का ज्ञान था जो हमें उन्होंने दिया। हमारा देश अधिकार प्रधान देश नहीं रहा, हमारा देश कर्तव्य प्रधान देश रहा है। कर्तव्यों का ज्ञान होगा तब हम किसी के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कानून पालन करने का भाव संस्कारों से आता है, संस्कार का निर्माण शिक्षा से होता है, समाज से भी होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने देश की संस्कृति और शिक्षा को जानें। सिर्फ अपने बारे में न सोचें, देश और समाज के बारे में सोचें। सकारात्मक सोचें, सकारात्मक देखें और सकारात्मक करें। इससे पूर्व उनको शाल ओढ़ाकर संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता ने सम्मानित किया।

संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता ने अपने वक्तव्य में संस्कृति विवि की सोच और इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हम अपने विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा देने के साथ ही भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत भी करें। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर त्रिपाठी ने बहुत सारी उपयोगी बातें और सुझाव दिए हैं, जिनका पालन हम करेंगे और विवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान देने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रो वाइस चांसलर डा. राकेश प्रेमी, विवि के सलाकार अनिल माथुर, ईडी पीसी छाबड़ा, विशेष कार्याधिकारी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, डा. सपना आदि भी मौजूद रहे।

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