Saturday, May 18, 2024
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आधार के लिए 80 किमी दूर चक्कर काटने के लिए मजबूर अभिभावक, घंटों करना पड़ रहा इंतजार


आगरा। बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए अभिभावक 80 किमी दूर चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। संजय प्लेस स्थित डाकघर व आधार केंद्र पर सुबह सात बजे से लाइन लग जाती है। स्लॉट बुक कराने के बाद दो घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। बुजुर्ग, विधवा एवं वृद्ध महिलाएं भी आधार कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट कराने के लिए पहुंच रही हैं।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, विधवा एवं वृद्धा पेंशन व अन्य योजनाओं के लिए आधार का मोबाइल से लिंक होना जरूरी है। स्कूल में प्रवेश के लिए बच्चों का आधार कार्ड चाहिए। जिसके लिए संजय प्लेस में सोमवार को अभिभावक भटकते रहे। यहां दो जगह आधार कार्ड बनते हैं। डाकघर में और आधार केंद्र पर। दोनों जगह के लिए पहले साइबर कैफे से स्लॉट बुक कराना पड़ता है।


घंटों करना पड़ रहा इंतजार
तय समय पर पहुंचने के बाद भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। 80 किमी दूर बाह के मानिकपुर से आए सोबरन सिंह आधार केंद्र के बाहर पेड़ के नीचे चार बच्चों के साथ बैठे थे। उन्होंने बताया कि तीसरी बार आया हूं। 500 रुपये किराये में खर्च कर चुका हूं। आधार कार्ड नहीं बन सका। फॉर्म गलत भर गया। अब उसमें संशोधन कराने के लिए भटकना पड़ रहा है। संजय प्लेस स्थित डाकघर में तीन बायोमेट्रिक मशीन हैं। सोमवार को एक मशीन चालू मिली। यहां रोज 50 से 60 आवेदन होते हैं, जबकि हर दिन 100 से अधिक लोग पहुंच रहे हैं। जिन्हें दूसरे दिन बुलाया जा रहा है। डाकघर के गेट के बाहर महिलाएं आधार कार्ड का फॉर्म भरवाने के लिए भटक रही हैं, कोई फॉर्म नहीं भर रहा। चौकीदार से फॉर्म भरने की गुहार लगानी पड़ रही है।


एक हजार आवेदन हो रहे रोज
आधार सेवा केंद्र के प्रबंधक दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि आधार कार्ड के लिए सात मशीनें हैं। रोज 1200 से 1300 लोग आते हैं। एक हजार आवेदन भरे जाते हैं। विभिन्न योजनाओं में आधार लिंक होने से आवेदक बढ़ गए हैं।


दो घंटे बाद भी नहीं आया नंबर
शास्त्रीपुरम की अर्चना शर्मा ने कहा कि बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए सुबह 10 बजे से आई हूं। इंतजार करते-करते दोपहर के दो बज गए। मेरा नंबर नहीं आया। कल फिर बुलाया है।


मोबाइल नंबर अपडेट कराने आई हूं
आवास विकास की मंजू गुप्ता ने कहा कि दो महीने से पेंशन नहीं आ रही। मोबाइल नंबर अपडेट कराने के लिए आई हूं। मुझे नहीं पता था पहले समय लेना पड़ता है। मैं इतनी पढ़ी लिखी नहीं हूं।

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