Saturday, May 18, 2024
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सरकारी स्कूलों की होगी कायापलट, लगेंगे वाईफाई, हाजिरी का होगा बायोमेट्रिक सिस्टम


लखनऊ। सरकारी स्कूलों में बच्चों को अब क्वालिटी एजुकेशन देने की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को बड़ा आदेश जारी किया है। उन्होंने प्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम को लागू करने का आदेश दिया है। इन योजनाओं को 100 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। यूपी चुनाव 2022 के दौरान विपक्षी दलों की ओर से सरकारी स्कूलों की स्थिति पर काफी सवाल खड़े किए गए थे। अब सरकार स्कूली शिक्षा के स्वरूप को बदलने की योजना पर काम कर रही है। साथ ही, निर्णय लिया गया है कि यूपी बोर्ड की 10वीं परीक्षा का नया पैटर्न अगले वर्ष यानी 2023 की परीक्षा से लागू किया जाएगा। 12वीं परीक्षा के बदले पैटर्न को वर्ष 2025 से लागू करने की योजना बनाई गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग का प्रेजेंटेशन देखने के बाद कहा कि कक्षा नौ और 11 में इंटरर्नशिप प्रोग्राम शुरू किए जाएं, रोजगारपरक कौशल शिक्षा और सर्टिफिकेशन, राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण के क्षेत्र में काम किया जाए। हर पांच साल पर विद्यालयों का मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी परिषदीय विद्यालयों में हर कक्षा के लिए कम से कम एक क्लास रूम हो। हर ब्लॉक में एक कस्तूरबा विद्यालय की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा भी 100 दिन के भीतर मुहैया करवाई जाए। अगले 6 माह की अवधि में सभी छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म, बैग, स्वेटर, जूता-मोजा की धनराशि का डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित कर दी जाए।

जल्द विकसित होगा पोर्टल पंख
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी स्कूलों में एक-एक वेबसाइट और सभी छात्रों के लिए ईमेल आईडी होनी चाहिए। इससे छात्रों को नई तकनीक के बारे में जानकारी स्कूली स्तर पर मिल सकेगी। साथ ही, करियर परामर्श पोर्टल पंख, ऑनलाइन निगरानी श्रेणीकरण और ई-लाइब्रेरी पोर्टल को भी जल्द ही विकसित किया जाएगा। इसके अलावा सीएम ने हर पांच साल पर स्कूलों का मूल्यांकन और प्रमाणन शुरू करने का निर्देश दिया है। इससे स्कूलों के बीच बेहतर प्रदर्शन की भावना विकसित होगी। इसके अलावा अछूते क्षेत्रों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज स्थापित करने का भी निर्देश दिया है।

हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम
सीएम योगी ने निर्देश दिए कि पांच साल में सभी असेवित क्षेत्रों में हाईस्कूल और इंटर कॉलेज की स्थापना के लिए अभी से काम शुरू करें। सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, रियलटाइम मॉनिटरिंग, स्टूडेंट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबंधन व्यवस्था लागू करें। उन्होंने कहा कि सौ दिनों में राजकीय विद्यालयों में वाई फाई की सुविधा, सभी विद्यालयों की वेबसाइट, सभी विद्यार्थियों की ईमेल आईडी, राजकीय विद्यालयों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस शुरू करने के प्रयास हों। छह माह में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रथम चरण में 25 हजार माध्यमिक और उच्चतर कक्षाओं के छात्रों का कौशल प्रशिक्षण किया जाए।

ध्यानचंद स्पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन
खेलों को बढ़ावा देने के लिए मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरुआत की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंडल स्तर पर स्पोर्ट कॉलेज और स्पोर्ट अकेडमी पीपीपी मोड पर बनाई जाए।

सीएम योगी ने दिए ये अहम निर्देश

  • दो वर्षों के भीतर संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन करें।
  • सभी स्तरों पर शैक्षिक पदों की रिक्तियों पर चयन की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए।
  • अध्यापक पुरस्कारों के लिए मानकों में संशोधन करने पर विचार करें।
  • स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी एवं भूमि का चयन समय से कर लिया जाए।
  • सौ दिनों में 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क और ।ठ।ब्न्ै-न्च् के लिए नियमावली पोर्टल शुरू करें।
  • यूजीसी ने एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने के लिए स्वीकृति दी है। यूजीसी की गाइडलाइन के अनुरूप यहां रणनीति तैयार करें।
  • संस्कृत को तकनीकी के माध्यम से रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता है। 180 घंटे का सर्टिफिकेट और 360 घंटे का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करें।
  • संस्कृत की पारंपरिक विद्या, कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और योग आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना, अर्चक और पुरोहित तैयार करने की दिशा में कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाएं।
  • प्रत्येक शैक्षिक संस्थान में करियर काउंसिलिंग सेल का गठन हो।
  • एनआईआरएफ की तर्ज पर स्टेट इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क जारी किया जाए।
  • हर विकास खंड में आईटीआई और राजकीय आईटीआई में स्मार्ट क्लास का निर्माण किया जाए।
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