Wednesday, May 1, 2024
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केदारना​थ आपदा के 9 साल: 3,183 लोगों का अब भी पता नहीं, जानिए जलप्रलय की पूरी कहानी

देहरादून । केदारनाथ में 16 और 17 जून 2013 को आई भीषण आपदा के आज 9 साल पूरे हो गए हैं। इन 9 सालों में भले ही केदारपुरी में बड़े स्तर पर हुए पुर्ननिर्माण की वजह से तस्वीर बदल ​गई है लेकिन ​आपदा के सैलाब में गुम हुए अपनों को खोने का गम आज भी हजारों परिवारों में साफ नजर आता है। आज 9 साल पूरे होने के बाद भी प्रलयकारी आपदा को याद कर परिजनों के आंसू नहीं थमते हैं। जो बच गए उनकी आंखों में वो सैलाब आज भी है जो इस आपदा के शिकार हुए उनके परिजन अब भी अपनों को याद कर रहे हैं। 9 साल बाद भी सरकारी आंकड़ों में 3,183 लोगों का कुछ पता नहीं चल पाया है।

4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद, 703 कंकाल बरामद
उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में हर बार लाखों की संख्या में भक्त बाबा केदार के दर पर पहुंचते हैं। 2013 में भी हर साल की तरह भक्तों की भीड़ जुट रही थी। लेकिन 16 और 17 जून 2013 को आई भीषण आपदा ने एक ऐसी गहरी चोट दे दी कि कई परिवार आज भी इस आपदा को भुला नहीं पाए हैं। इस भीषण आपदा में यात्री और स्थानीय लोग गिरफ्त में आए। इनमें से कई आज भी लापता हैं। सरकारी आंकड़ों में पुलिस के पास आपदा के बाद कुल 1840 एफआईआर आई। जिस पर पुलिस ने क्रॉस चेक कराने के लिए अलग से रुद्रप्रयाग में विवेचना सेल गठित की गई। इसमें 584 एफआईआर मर्ज की गई जो, दो-दो जगहों पर दर्ज थी। बाद में पुलिस ने 1256 एफआईआर को वैध मानते हुए कार्रवाई की। पुलिस के पास 3,886 गुमशुदगी दर्ज हुई जिसमें से विभिन्न सर्च अभियानों में 703 कंकाल बरामद किए गए। आज भी 3,183 लोगों को कोई पता नहीं है। सरकारी आंकड़ो में केदारनाथ आपदा में 4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद हुए, जबकि पांच हजार से अधिक लापता हो गए थे। सरकारी आंकड़ों को लेकर कई बार सवाल भी खड़े होते रहे हैं।

भीमशील के साथ ही हुई कई चमत्कार भी केदारपुरी में आई जलप्रलय से हर कोई सहम गया। जिसने भी तस्वीरें देखी लगा मानों जिदंगी ठहर गई। अंदाजा लगाना मुश्किल था कि हुआ क्या। लेकिन जिस तरह की तस्वीर आसपास की नजर आई, वैसी तस्वीर मंदिर में नजर न आने से हर कोई हैरान था। जलप्रलय के दौरान मंदिर के पीछ कई बड़े-छोटे पत्थर आ रहे थे। इन सभी के साथ अत्यंत विशालकाय चट्टान भी आई जो मंदिर के थोड़ी सी पीछे ही रूक गई। जिसने मंदिर को बचा लिया। इस विशालकाय पत्थर को नाम दिया गया भीमशील। बाढ़ के दिन से कई महीनों तक मंदिर में कोई पुजा नहीं हुई। डोली को हैलिकॉप्टर के सहारे उखीमठ लाया गया। लेकिन जब बाढ़ गई तो शिवलिंग पर बेलपत्र मौजूद था। शिवलिंग का आध भाग मलबे में इस तरह दबा था ति मानो शिव समाधि में लीन बैठे है। केदारनाथ में अखंड ज्योत हमेशा जलती रहती है जब आपदा आकर चली गई और पुजारियों ने देखा तो अखंड ज्योत जल रही थी। मंदिर के कपाट शीतकाल में 6 महीने बंद रहते है और 6 महीने ग्रीष्म काल में खपले रहते है। जब मंदिर के कपाट खुलते है तब अखंड ज्योत जलती रहती है। उसके दर्शन के लिए लाइन लगती है।

16 और 17 जून 2013 को आई थी केदारनाथ में आपदा आपदा में मारे गए थे 4700 तीर्थ यात्री आज भी लापता 3,183 पुलिस को आई एफआईआर 1840 वैध एफआईआर 1256 पुलिस के पास गुमशुदगी दर्ज 3,886 सर्च अभियानों में कंकाल बरामद 703 पल-पल कैसे बदली तस्वीर 15 जून-उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश शुरू हुई 16 जून- शाम को चौराबाड़ी ताल टूटने से मंदाकिनी में बाढ़ आने से केदारनाथ में मलबा भर गया। रामबाड़ा पूरी तरह तहस-नहस हो गया। 17 जून-सुबह एक बार फिर चौराबाड़ी ताल से पहले से ज्यादा पानी और मलबा आया। केदारनाथ पूरी तरह तबाह हो गया। पूरी मंदाकिनी घाटी में तबाही हुई। 18 जून-पहली बार केदारनाथ और घाटी में तबाही की खबरें सामने आई। 19 जून- राहत और बचाव के कार्य शुरू किये गये।

आपदा में नुकसान- सरकारी आंकड़े 1853 पूर्ण क्षतिग्रस्त पक्के मकान 361 पूर्ण क्षतिग्रस्त कच्चे मकान 2349 बुरी तरह क्षतिग्रस्त पक्के भवन 340 बुरी तरह से टूटे कच्चे मकान 9808 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के मकान 1656 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान 2162 सड़कें क्षतिग्रस्त 86 पुल (मोटर मार्ग व पैदल) टूटे 172 पुलिया ध्वस्त 3484 पेयजल लाइनें ध्वस्त 4515 गांव मेंबिजली आपूर्ति बाधित 13,844.34 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को नुकसान का आंकलन

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